COURT; भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी, विधानसभा सचिव के खिलाफ परिवाद पेश
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ विधानसभा में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के कोर्ट में विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा के खिलाफ परिवाद पेश किया है। इसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि भर्ती प्रक्रिया के लिए निकाले गए विज्ञापन के अनुसार प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। विज्ञापन के अनुसार पात्र हितग्राहियों को नियुक्ति देने के बजाय पिछले दरवाजे से चहेतों की भर्ती कर दी गई है।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि विधानसभा सचिवालय द्वारा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देशों का परिपालन नहीं किया जा रहा है। न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना की जा रही है। अविनाश साहू ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से परिवाद पेश कर विधानसभा सचिवालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया की आड़ में नियमों में किए गए उल्लंघन की सिलसिलेवार जानकारी दी है। परिवाद में बताया है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय द्वारा तृतीय श्रेणी सहायक ग्रेड-तीन की कुल 47 पदों, जिसमें आरक्षित संवर्ग के लिए भी पद सम्मलित है, की भर्ती के लिए तीन वर्ष पूर्व 22 अक्टूबर 2019 को विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाया गया था। दिसंबर 2021 को लिखित परीक्षा लेकर परिणाम विधानसभा की वेबसाइट में अपलोड किया गया। आज पर्यन्त तीन वर्ष से अधिक अवधि के बाद भी तक उक्त लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में न कोई कार्यवाही की और न ही किसी को नियुक्ति दी गई।
भर्ती प्रक्रिया को लंबित रखते हुए दिनेश शर्मा ने समान योग्यता के पद को पृथक नाम से “सहायक ग्रेड-3 सह अनुवादक” तथा अन्य पदनाम से बैकडोर से भर्ती कर ली गई। बैकडोर भर्तियों में दिनेश शर्मा ने आरक्षण नियमों का भी पालन नहीं किया है। ऐसा कर उन्होंने आरक्षित संवर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन किया है। सचिव छत्तीसगढ़ विधानसभा ने उक्त भर्ती प्रक्रिया को लंबित रखते हुए “सहायक ग्रेड-3 सह अनुवादक” के छह पदों पर तोरण लाल कुम्भकार, कुमुदनी साहू, अनिल गोटेफोड़े, अशोक अग्रवाल, युक्ति साहू, सतीश दीवान तथा वाहन चालक के पांच पदों पर संजय कुमार घरडे, संजय साहू गोलू, जायता यादव, हेमंत राजपूत तथा “बुक लिफ्टर” के एक पद पर सुनील देशमुख की नियमित नियुक्ति कर दी है।
वादी ने अपने परिवाद में कहा है कि नियम विरुद्ध भर्ती की प्रक्रिया यहीं तक सीमित नहीं है। इसके अतिरिक्त भी दर्जनों बैकडोर भर्तियां उनके द्वारा की गई है। इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगने पर भी नहीं दी जा रही है। वादी ने कहा कि कंडिका एक में उल्लेखित भर्ती प्रक्रिया रोककर अपने चहेते अधीनस्थ कर्मचारियों तथा उनके रिश्तेदारों की भर्ती आचार संहिता के पहले भी कर दिया है। शुभम प्रजापति पिता दिलीप प्रजापति (कर्मचारी विधानसभा), लिलेश देवांगन (विधानसभा के कर्मचारी का भाई), लखवीर कौर (विधानसभा के एसडीओ की बहन), भूपेंद्र साहू (विधानसभा के कारपेंटर का भाई), हेम कुमार यादव (विधानसभा में प्लम्बर का बेटा), राकेश साहू पिता शिव साहू पूजा चौहान, ऋतू साहू (विधानसभा के भृत्य की बेटी), मुकेश देवांगन व भूपेंद्र श्रीवास्तव (विधान सभा की अधिकारी का पुत्र) शामिल हैं।