MERDER; ट्रिपल मर्डर कांड में युवाओं की हत्या से उड़िया समाज में शोक,यूपी की तरह अपराधियों पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए सरकार

0 ट्रिपल मर्डर की केस सुनवाई फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में कराने और पीड़ित परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा राशि देने की माँग
रायपुर, छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराधों और क़ानून-व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता भगवानू नायक ने अपराधियों के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज़ पर ज़ीरो टालरेंस की नीति अपनाने, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से सुनवाई करने और पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की माँग की है।
अधिवक्ता भगवानू नायक ने कहा छत्तीसगढ़ में गुंडों और बदमाशों का नहीं, बल्कि क़ानून का राज चलना चाहिए। अपराधियों को पुलिस के जूते की धमक सुनाई देनी चाहिए, तभी वे क़ानून का माखौल उड़ाना बंद करेंगे। धमतरी में राजधानी रायपुर के तीन युवक आलोक सिंह ठाकुर, नितिन तांडी और सुरेश तांडी की हत्या हुई है। उड़िया समाज ने युवाओं को खोया है, इस घटना से उड़िया समाज में शोक व्याप्त है। उक्त घटना की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में शीघ्र सुनवाई हों ताकि दोषियों को त्वरित सजा मिल सके। इससे पहले भी फ़तेहपुर तिहरे हत्याकांड में ऐसी ही माँग उठाई गयी थी। पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की माँग की गई है। इसी तरह जयपुर के विपिन मर्डर केस में भी परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा एक डेयरी बूथ और संविदा नौकरी दी गई थी ।
उन्होंने परिवारजनों को सुरक्षा प्रदान करने और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी माँग रखी है । उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में अपराधियों का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि वे हत्याओं के बाद विक्टरी साइन देते हुए फोटो खींचवाए है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हैं। यह साबित करता है कि उन्हें क़ानून का कोई डर और भय नहीं है।

एक साथ जली तीन दोस्तों की अर्थी
सोमवार 11 अगस्त की रात धमतरी के अन्नपूर्णा ढाबे में रायपुर के तीन युवाओं की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई. इस केस में पुलिस ने सभी आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं तीनों दोस्तों के शव का बूढ़ातालाब स्थित श्मशान घाट पर एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के मुताबिक, सेजबहार के रहने वाले मृतक आलोक सिंह ठाकुर का हाल ही में शादी तय हुई थी. इस घटना के बाद आलोक ठाकुर की बहन और मां सदमे में है. बहन एक ही बात दोहराती है कि बहुत गुस्सा था तो भाई का हाथ-पैर तोड़ देते, अधमरा ही छोड़ देते, मैं उसे पाल लेती. उन्होंने बताया, 2016 में पापा ने आत्महत्या कर ली. सबसे छोटा होने के बाद भी आलोक ने पूरे घर की जिम्मेदारी उठाई. हम सबका वही सहारा था. घर पर अब कमाने वाला कोई शख्स नहीं है.
नितिन और सुरेश के मासूम बच्चे पूछ रहे – कब आएंगे पापा…
मृतक नितीन तांडी एवं सुरेश तांडी संतोषी नगर के रहने वाले थे. दोनों आपस में सगे भाई हैं. सुरेश की दो साल की बेटी है. नितिन की शादी 5 साल पहले हुई थी. उसके भी दो छोटे बच्चे हैं. अब इन मासूम बच्चों के सर से पिता का साया उठ चुका है, लेकिन ये बच्चे अब भी पूछ रहे कि उसके पापा कब वापस लौटेंगे.सूरज तांडी, नितिन तांडी और आलोक ठाकुर तीनों दोस्त थे और घूमने के लिए धमतरी आए थे. आलोक पेटी ठेकेदार का काम करता था, जबकि सूरज और नितिन ड्राइवरी करते थे. जिस ढाबे में वारदात हुई वो सिहावा रोड पर स्थित है. पुलिस ने तीनों दोस्त के हत्यारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.