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ASSEMBLY; राजधानी के अमलीडीह की 56 करोड़ की जमीन रामा बिल्डकॉन को 9 करोड़ में कैसे दे दी गई? धरमलाल ने उठाया सवाल

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रायपुर, विधानसभा में आज वरिष्ठ भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाया कि राजधानी रायपुर के अमलीडीह क्षेत्र में 56 करोड़ की जमीन रामा बिल्डकॉन को 9 करोड़ में देने जैसा काम हुआ था, इसे कोई कैसे नकार सकता है?

प्रश्नकाल में वरिष्ठ भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक का सवाल था कि सितम्बर 2024 की स्थिति में रायपुर शहर के अमलीडीह में कौन से खसरा क्रमांक की कितनी शासकीय भूमि उपलब्ध है? उपलब्ध भूमि के संबंध में वर्ष 2024 में किसके व्दारा कब एवं क्या शिकायतें विभाग एवं शासन को की गई? शिकायतों पर किसके व्दारा कब जांच की गई? जांच उपरांत शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की ओर से जवाब आया कि प्रश्नाधीन अवधि में अमलीडीह में रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू व्दारा शाला विकास एवं प्रबंधन समिति अमलीडीह के अध्यक्ष लीलाधर चंद्रकार का पत्र 12 सितंबर 2024 की प्रति संलग्न कर मुख्यमंत्री को 13 सितंबर 2024 को तथा 17 सितंबर 2024 को रायपुर संभागायुक्त को प्रेषित किया गया। पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन व्दारा रामा बिल्डकॉन- भागीदार राजेश अग्रवाल तहसील व जिला रायपुर को आबंटित शासकीय भूमि खसरा नंबर 233/1 व 233/5 रकबा 3.203 हेक्टेयर भूमि के आबंटन को तत्काल निरस्त किया जाए। साथ ही इस भूमि को नवीन शासकीय महाविद्यालय अमलीडीह को आबंटित किया जाए। इसके अलावा अमलीडीह स्थित चंद्रकार रेसीडेंसी के दीपक कुमार चंद्राकर एवं अन्य निवासियों से खसरा नं. 252 रकबा 0.324 पर अतिक्रमण के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत की जांच रायपुर संभागायुक्त से कराई गई। जांच प्रतिवेदन 11 दिसंबर 2024 के अनुसार रामा बिल्डकॉन – भागीदार राजेश अग्रवाल को आबंटित शासकीय भूमि खसरा नंबर 233/1 व 233/5 कुल रकबा 3,203 हेक्टेयर भूमि को निरस्त करने की अनुशंसा की गई। इसके तारतम्य में विभागीय आदेश 17 दिसंबर 2024 को जारी हुआ। आबंटित शासकीय भूमि को निरस्त किया गया है। शिकायतकर्ता दीपक कुमार चंद्राकर से प्राप्त पत्र को रायपुर कलेक्टर को 20 नवंबर 2024 को मूलतः नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है।

धरमलाल कौशिक ने पूछा कि रामा बिल्डकॉन को जमीन आबंटन के बाद निरस्त किया गया। इसके पीछे क्या कारण हैं? टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि रामा बिल्डकॉन को जमीन का आबंटन शासन के पूर्व में प्रचलित नियमों के तहत किया गया था। पिछले वर्ष जुलाई में नियमों में बदलाव आया। यही कारण है कि आबंटन निरस्त हुआ। कौशिक ने कहा कि सच्चाई यह है कि रामा बिल्डकॉन को जिस जमीन का आबंटन हुआ था वह चराई की जमीन है। वह 56 करोड़ की जमीन थी जिसे 9 करोड़ में ही आबंटित कर दिया गया था। आज की स्थिति में उस जमीन की क्या स्थिति है? इस आबंटन में यदि कोई दोषी रहा तो उसके खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे? वर्मा ने कहा कि वह जमीन न तो आबंटित हुई थी और न ही उसका पैसा पटाया गया था। आज की तारीख में वह जमीन शासन के नाम पर चढ़ी हुई है। कौशिक ने कहा कि 56 करोड़ की जमीन को 9 करोड़ में देने जैसा काम हुआ था इसे कैसे नकार सकते हैं? दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे? वर्मा ने कहा कि जो भी कदम उठाया जा रहा है शासन के प्रचलित नियमों के तहत उठाया जा रहा है। भाजपा विधाय मोतीलाल साहू ने सवाल खड़ा किया कि जब यह जमीन किसी को आबंटित ही नहीं हुई थी तो फिर किसी के नाम पर रिकॉर्ड में कैसे दर्ज हो गई थी? इस जमीन को मैंने कॉलेज निर्माण के लिए मांगा था।

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