LATENESS; संभागायुक्त की हिदायत का असर नहीं… रायपुर तहसील में 10 हजार मामले पेंडिंग

रायपुर, राजधानी के सरकारी कार्यालयों में अफसर शिकायत-आवेदन तो ले रहे हैं, लेकिन उन शिकायत आवेदनों से उनका कोई सरोकार नहीं है। पिछले 8 माह के आंकड़े देखकर तो यही लगता है। जनवरी से अगस्त 2025 तक रायपुर के अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में लोग अपनी विभिन्न समस्याएं लेकर पहुंचे और उसके निराकरण के लिए आवेदन किया।
कुछ माह पहले संभागायुक्त एमडी कावरे ने रायपुर तहसील दफ्तर का मुआयना किया था और मामलों के निराकरण के लिए तत्कालीन एसडीएम समेत कुछ स्टाफ को नोटिस भी जारी किया था। इसके बाद भी कामकाज में सुधार नहीं आया है। बताया गया है कि करीब 10 हजार आवेदनों में से अधिकांश का अफसरों ने निराकरण ही नहीं किया है। मतलब उन आवेदनों पर किसी प्रकार का अब तक एक्शन नहीं हुआ है। अफसर केवल आवेदन ले रहे हैं, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे आम लोग बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
रायपुर नगर निगम में भी लोगों का काम नहीं हो पा रहा है। निगम के अफसरों के पास शिकायतें आती हैं, लेकिन उन शिकायतों का निराकरण नहीं होता। नगर निगम में पिछले 8 माह में कुल 6 हजार 408 आवेदन आए हैं। इनमें से 6 हजार 47 मामले लंबित है।