POLITICS; आर्मी चीफ के अल्टीमेटम से बांग्लादेश में यूनुस इस्तीफा देने तैयार,बोले- मैं बंधक जैसा महसूस करता हूं
युनूस

ढाका, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. आर्मी चीफ ने सख्त लहजे में कहा है कि देश का भविष्य एक गैर-निर्वाचित सरकार तय नहीं करेगी और दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने का दबाव बनाया है, ताकि 2026 की शुरुआत तक एक चुनी हुई सरकार सत्ता संभाल सके. दूसरी ओर, नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने मौजूदा हालात में काम करने में असमर्थता जताते हुए इस्तीफे की ओर इशारा किया है.

यूनुस ने कहा, ‘मैं ऐसी स्थिति में काम नहीं कर सकता, जहां मुझे बंधक बनाया जा रहा हो. सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर कोई रास्ता निकालना चाहिए.’ उनके इस बयान के बाद गुरुवार को इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं. जुलाई आंदोलन के बाद बनी जातीय नागरिक पार्टी (NCP) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने गुरुवार शाम यूनुस से उनके आधिकारिक आवास, स्टेट गेस्ट हाउस जमुना में मुलाकात की. बीबीसी बांग्ला से बातचीत में नाहिद ने बताया कि यूनुस ने मौजूदा परिस्थितियों में काम करने में असमर्थता जताई और कहा कि अगर मैं काम नहीं कर सकता, तो रहने का क्या मतलब? नाहिद ने यूनुस से अनुरोध किया कि वह जनआंदोलन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मजबूती से डटे रहें और सभी दलों के साथ एकता बनाए रखें.
चुनाव नहीं करा रहे यूनुस
नाहिद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यूनुस राष्ट्रीय एकता के लिए मजबूत रहें और देश के भविष्य के लिए सुधारों को लागू करें.’ हालांकि, यूनुस ने स्पष्ट किया कि अगर राजनीतिक दल उन्हें विश्वास और सहयोग नहीं देंगे, तो वह पद पर बने रहने का औचित्य नहीं देखते. दरअसल शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार बनाई थी. अंतरिम सरकार का काम देश में चुनाव कराना और फिर नई सरकार के हाथ में सत्ता सौंपना होता है. लेकिन मोहम्मद यूनुस चुनाव कराने की जगह कट्टरपंथियों को जेल से निकालने में लगे हैं.
आर्मी चीफ हुए सख्त
बुधवार को आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमां ने अपने अधिकारियों के साथ एक मीटिंग बैठक में साफ कहा कि सेना किसी भी तरह के ‘खूनी गलियारे’ को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए और भविष्य एक निर्वाचित सरकार तय करे. सूत्रों के मुताबिक, सेना प्रमुख इस बात से नाराज हैं कि अंतरिम सरकार महत्वपूर्ण फैसले लेते समय सशस्त्र बलों से सलाह नहीं ले रही. जनरल वाकर ने यह भी चेतावनी दी कि सेना अब भीड़ हिंसा या अव्यवस्था को और बर्दाश्त नहीं करेगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाएगी. ढाका के सूत्रों ने सीसीएन न्यूज18 को बताया कि सेना के अधिकारी अपने प्रमुख के साथ मजबूती से खड़े हैं और जरूरत पड़ने पर उनके आदेशों का पालन करने को तैयार हैं. इससे बांग्लादेश में तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है.
राजनीतिक दलों की क्या है मांग?
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने अंतरिम सरकार के दो सलाहकारों- सूचना सलाहकार महफुज आलम और स्थानीय सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद—के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान को तत्काल हटाने की मांग की है. बीएनपी ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के मेयर के रूप में अपने नेता इशराक हुसैन को शपथ दिलाने की मांग भी कर रही है. बीएनपी लंबे समय से दिसंबर तक चुनाव कराने की मांग कर रही है और एक छोटे सलाहकार परिषद की वकालत कर रही है.