स्वास्थ्य

HEALTH;किडनी स्वैप ट्रांसप्लांट पर राज्य सरकारों को मिले खास निर्देश, नियम लागू हुआ तो ऐसा करना होगा

टांसप्लांट

मुंबई, अब किडनी ट्रांसप्लांट और भी आसान होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को किडनी ट्रांसप्लांट को बढ़ावा देने के लिए कहा है। इससे उन लोगों को बहुत फायदा होगा, जिन्हें किडनी की जरूरत है। लगभग 19 साल पहले मुंबई में दो शादीशुदा जोड़ों ने एक मिसाल कायम की थी। उन्होंने एक-दूसरे के जीवनसाथी को किडनी दान की थी। अब केंद्र सरकार पूरे देश में स्वैप ट्रांसप्लांट को बढ़ावा देने जा रही है।

स्वैप ट्रांसप्लांट क्या होता है?

किडनी ट्रांसप्लांट आमतौर पर परिवार के सदस्य या किसी मृत व्यक्ति से दान के द्वारा होता है। इसमें डोनर और मरीज के टिश्यू और ब्लड ग्रुप मैच होने चाहिए। एक और तरीका है स्वैप ट्रांसप्लांट। इसमें दो जोड़ों के डोनर आपस में किडनी बदलते हैं। ऐसा तब होता है जब डोनर और मरीज का ब्लड ग्रुप या टिश्यू मैच नहीं होता। हालांकि, भारत में ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट में 2011 से स्वैप ट्रांसप्लांट को मान्यता दी गई है। लेकिन अभी तक केवल कुछ सौ ट्रांसप्लांट ही हो पाए हैं।

नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) ने 16 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। NOTTO चाहता है कि स्वैप डोनर ट्रांसप्लांट को लागू किया जाए। इससे डोनर की संख्या बढ़ सकती है। अनुमान है कि स्वैप से ट्रांसप्लांट की संख्या में 15% की वृद्धि हो सकती है।

किन डाक्यूमेंट्स की होगी जरूरत

NOTTO के डायरेक्टर अनिल कुमार के साइन किए हुए पत्र में कहा गया है कि 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन शिविर में एक फैसला लिया गया था। फैसला था कि ‘एक देश, एक स्वैप ट्रांसप्लांट कार्यक्रम’ होना चाहिए। पूरे देश में स्वैप ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट के लिए एक जैसी डॉक्यूमेंट लिस्ट होनी चाहिए।

मुंबई के डॉक्टरों को उम्मीद है कि इस कदम से पहला राष्ट्रीय स्वैप रजिस्ट्री स्थापित करने में मदद मिलेगी। डॉ. जतिन कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय रजिस्ट्री सही दिशा में एक कदम होगा। उन्होंने 2010 में मुंबई में एपेक्स स्वैप ट्रांसप्लांट रजिस्ट्री की स्थापना की थी। अमेरिका में एक राष्ट्रीय स्वैप रजिस्ट्री है, और यूरोप में स्वैप के लिए एक कॉमन रजिस्ट्री है। इस दौरान रजिस्ट्री ने 800 रजिस्ट्रेशन किए और 95 स्वैप और डोमिनो ट्रांसप्लांट किए।

NOTTO का राज्यों को पत्र

NOTTO के पत्र में उन दस्तावेजों की लिस्ट दी गई है, जो मरीजों और उनके रिश्तेदारों को स्वैप ट्रांसप्लांट के लिए राज्य प्राधिकरण समितियों से अप्रूवल लेने के लिए जरूरी होंगे। 2024 में चिंतन शिविर में फैसला लिया गया कि ‘एक देश, एक स्वैप ट्रांसप्लांट कार्यक्रम’ होना चाहिए। पूरे देश में स्वैप ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट के लिए एक जैसी डॉक्यूमेंट लिस्ट होनी चाहिए। इसका मतलब है कि अब किडनी टांसप्लांट के लिए नियम और प्रक्रियाएं पूरे देश में एक जैसी होंगी। इससे मरीजों को काफी आसानी होगी। उन्हें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियमों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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