कानून व्यवस्था

JEERAM NAXAL CASE; प्रत्यक्षदर्शियों के सहारे जांच को आगे बढ़ाएगी छत्तीसगढ़ पुलिस

रायपुर , सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच अब छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी। इसके लिए पुलिस इस कांड के प्रत्यक्षदर्शियों की सहायता ले सकती है। इसके लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) बनाया जा सकता है।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी व कांग्रेस नेता मलकीत सिंह गैंदू, शिव सिंह ठाकुर और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अलावा मौके पर मौजूद रहे मंत्री कवासी लखमा का बयान भी इस जांच को आगे बढ़ा सकता है। बता दें कि राज्य सरकार ने 2018 में एसआइटी गठित किया था, मगर सालभर बाद इसे भंग कर दिया गया।

25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला कर कांग्रेस के नेता समेत 32 लोगों की हत्या कर दी थी। इस घटना में प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, बस्तर टाइगर कहे जाने वाले महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत अन्य नेता बलिदान हुए थे।

केंद्र सरकार ने एनआइए को सौंपी थी जांच

केंद्र की यूपीए सरकार ने इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपी थी। साथ ही घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान दर्ज किया था। लंबे समय से चल रहे एनआइए जांच को देखते हुए 2018 में भूपेश सरकार ने प्रदेश स्तर पर घटना की जांच के लिए एसआइटी टीम का गठन किया था। एसआइटी की जांच टीम ने एनआइए से अब तक की गई जांच की रिपोर्ट मांगी, लेकिन एनआइए ने अपनी जांच रिपोर्ट देने से साफ इंकार कर दिया और यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।

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