कला-साहित्य

LECTURE; डॉ. दिनेश मिश्र इंग्लैंड में टोनही प्रताडना पर अंतराष्ट्रीय कार्यशाला में ब्याख्यान देंगे

रायपुर, प्रदेश के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ एवं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ .दिनेश मिश्र को लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड किंगडम द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भारत से आमंत्रित किया गया है जहां वे  डायन प्रताड़ना और मानवाधिकार(witchcraft and human right) के मुद्दे पर आयोजित इस कार्यशाला में व्याख्यान देंगे। महिला प्रताड़ना और उनके मानवाधिकार हनन के कारणों में एक प्रमुख कारण अंधविश्वास और डायन के संदेह में प्रताड़ना भी है जो एशिया के देशों अफ्रीका सहित अनेक देशों में जारी है।             

इंग्लैंड की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी  में 19 व20 सितंबर को आयोजित इस कार्यशाला में यूरोप ,अफ्रीका ,आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन ,के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, विश्विद्यालयों के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता सहित यूनाइटेड नेशंस के मानवाधिकार परिषद के पदाधिकारी भाग लेंगे । इसके पूर्व डॉ दिनेश मिश्र ने 2016 में यूनाइटेड नेशन्स द्वारा जिनेवा में डायन के संदेह में महिला प्रताड़ना और मानव अधिकार विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया,और व्याख्यान दिया था, 2014 में बेल्जियम में  आयोजित संगोष्ठी में भी उन्होंने व्याख्यान दिया था । 

ज्ञात हो डॉ दिनेश मिश्र पिछले 28 वर्षों से जादू टोने के संदेह में महिला प्रताड़ना, डायन (टोनही)प्रताड़ना, उनके मानवाधिकार विभिन्न अंधविश्वासो  और सामाजिक कुरीतियों तथा महिला के खिलाफ लगातार कार्य कर रहे है जिसके तहत देश भर में 3 हजार  से अधिक सभाएं कर चुके है। स्कूल,कॉलेजो ,सामाजिक संगठनों के साथ  कार्यशालाओं में 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर चुके है छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश ,आसाम आंध्रप्रदेश ,ओडिसा, झारखण्ड ,महाराष्ट्र ,दिल्ली,हरियाणा, राजस्थान ,बिहार ,उत्तरप्रदेश ,कर्नाटक,में अभियान चला चुके है ।छत्तीसगढ़ में जादू टोने के आरोप में महिला प्रताड़ना टोनही प्रताड़ना के खिलाफ जन जागरण तथा प्रदेश में कानून बनाने केलिए किये गए कार्यो केलिए राज्य अलंकरण पण्डित रविशंकर शुक्ल सम्मान 2006 में दिया जा चुका है। वही देश भर में  वैज्ञानिकदृष्टिकोण के विकास एवं अंधविश्वास निर्मूलन के लिए किए गए कार्यों के लिये 2007 में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा नेशनल एवार्ड प्रदान किया जा चुका है । प्रदेश महिला आयोग द्वारा 2006 में महिला उत्पीड़न के लिए किए गए कार्यों के लिए सम्मानित  किया जा चुका है ।

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