LOK SABHA ELECTIONS; छत्तीसगढ़ में भाजपा के ‘मिशन 11’ पर काम शुरु, रूठों को मनाने खुलेगा निगम- मंडल का पिटारा
रायपुर, विधानसभा चुनाव 2023 में बड़ी जीत हासिल करने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए मशक्कत तेज कर दी है। इसके लिए सभी लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी को पुराने नेताओं को सक्रिय करने एवं नाराज नेताओं को मनाने की कवायद भी शुरु कर दी गई है। जल्द ही निगम मंडल और संसदीय सचिव की नियुक्तियां की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के ‘मिशन 11’ पर काम शुरु हो गया है। इसकी पहली कडी के रूप में नाराज नेताओं को मनाना एवं पुराने कार्यकत्ताओं को सक्रिय किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से सरकार बना ली है, लेकिन इस दौरान कई नेता नाराज भी हुए हैं, जिसके पीछे टिकट न मिलना या बड़ी जिम्मेदारी न मिलना बड़ी वजह है। प्रदेश में रमन कैबिनेट के 16 पूर्व मंत्रियों ने विधानसभा चुनाव में विधायक का चुनाव लड़ा और इनमें 11 जीते हैं। इनमें केवल चार को ही मंत्री पद मिल पाया। प्रदेश के कद्दावर नेताओं में राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, पुन्नूलाल मोहले, विक्रम उसेंडी, धरमलाल कौशिक, रेणुका सिंह, गोमती साय जैसे नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है। इसी तरह अन्य नेता भी हैं जो कि संगठन से नाराज हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इनकी नाराजगी दूर करने और लोकसभा चुनाव में पार्टी के सभी नेताओं का सपोर्ट पाकर जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने कार्ययोजना बनाई है। बताया जा रहा है कि भाजपा अगले छह महीने के अंदर निगम मंडल और संसदीय सचिव की नियुक्तियां कर सकती है। इनमें इन्हीं बचे नेताओं को मौका मिल सकता है। इनमें 60 प्रतिशत नए और 40 प्रतिशत पुराने विधायकों को मौका देने की तैयारी है।
इसके अलावा संगठन में भी फेरबदल हो सकता है। प्रदेश भाजपा के तीनों महामंत्रियों में विजय शर्मा, ओपी चौधरी और केदार कश्यप को विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इनकी जगह सरगुजा संभाग के प्रभारी संजय श्रीवास्तव, दुर्ग संभाग के प्रभारी भूपेंद्र सवन्नी और चंपादेवी पावले को महामंत्री बनाने की चर्चा है। इससे कई नाराज नेताओं का मनमुटाव कम होगा अथवा दूरियां कम होंगी। वैसे भी आदिवासी नेता नंदकुमार साय के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद कई नाराज लोग पार्टी कार्यक्रमों की ओर रूख करने लगे है।