राज्यशासन

FOREST; वनमंत्री बोले- रामसर साईट के लिए छह वेटलैंड का चयन प्राथमिकता से करें

0 वेटलैंड संरक्षण को लेकर लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

रायपुर, वन मंत्री केदार कश्यप ने रामसर साईट के लिए कोपरा जलाशय, गिधवा-परसदा, कुरंदी, गंगरेल, नीमगांव जलाशय सहित मांढर जलाशय के छह वेटलैंड को प्राथमिकता से शामिल करने की बात कहीं। छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन के हॉल में हुई बैठक में वन मंत्री कश्यप ने राज्य के सभी जिलों की जिला वेटलैंड संरक्षण समितियों को अपने-अपने क्षेत्रों में वेटलैंड के संरक्षण और संवर्धन हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अन्य राज्यों में वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिवों के वित्तीय अधिकारों का अध्ययन कर संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजने के भी निर्देश दिए।

राज्य में रामसर स्थलों की पहचान को लेकर भी बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कोपरा जलाशय (बिलासपुर) और गिधवा-परसदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स (बेमेतरा), कुरंदी, गंगरेल, नीमगांव जलाशय सहित मांढर जलाशय को छह वेटलैंड को रामसर स्थलों के रूप में चिन्हित करने की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा, एनपीसीए योजना के तहत प्राकृतिक रूप से निर्मित तालाबों के चयन और नए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के द्वारा दो माह के भीतर आगामी सुनवाई के पहले समस्त कार्य से संबंधित सभी डाटा को राज्य की वेबसाईट में पब्लिश किया जाना सुनिश्चित करें। इस कार्य हेतु प्राथमिकता में वेबसाईट तैयार किया जाना आवश्यक है। अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर 15 दिवस के भीतर जिला वेटलैंड संरक्षण समिति द्वारा वेटलैंड के ग्राउण्डट्रूथिंग एवं डिमार्केशन संबंधी कार्य पूर्ण कर प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश दिए।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि नवम्बर-दिसम्बर 2025 तक लगभग राज्य के 2.25 हेक्टेयर वाले 11 हजार वेटलैंड सर्वेक्षण के पश्चात फिजिकल मैप को जिला स्तर और राज्य स्तर पर पोर्टल में अपलोड कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वेटलैंड ऑथिरिटी में वेब पोर्टल डेव्हलप कर दिया गया है। बैठक में प्रस्तावित तकनीकी समिति में आवास एवं पर्यावरण विभाग तथा मत्स्य विभाग को शामिल करने की अनुशंसा की गई, जिससे वेटलैंड संरक्षण में विभिन्न विभागों का समन्वय बेहतर हो सके। बैठक में वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम 2017 तथा माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों का कानूनी विश्लेषण करवाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए, एडवोकेट जनरल कार्यालय से विधिक परामर्श लेने तथा अन्य राज्यों में अपनाई जा रही नीतियों का अध्ययन करने का सुझाव दिया गया।

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