कानून व्यवस्था

LOAN SCAM; बैंक की तत्कालीन सहायक प्रबंधक ओडिशा से गिरफ्तार,कई और नाम उजागर होने की संभावना

गिरफ्तार

रायपुर, इंडियन ओवरसीज बैंक राजिम शाखा में करोड़ों के फर्जी ज्वेल लोन घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने बड़ी कार्रवाई की है. वर्ष 2022 में सामने आए इस मामले में खाताधारकों के बंद खातों के जरिए एक करोड़ 65 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा कर बैंक को चूना लगाने वाली तत्कालीन सहायक प्रबंधक अकिंता पाणिग्रही को आखिरकार बरगढ़, ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे 15 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में लिया गया है.

ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है. आरोप है कि अकिंता पाणिग्रही ने बैंक के बंद खातों का दुरुपयोग कर फर्जी ज्वेल लोन स्वीकृत किए और राशि का निजी उपयोग किया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पुलिस रिमांड में लिया गया है.घोटाले के सामने आते ही बैंक ने आरोपी अंकिता को तत्काल नौकरी से बर्खास्त कर दिया था. सूत्रों के अनुसार पूछताछ में कई और नाम उजागर होने की संभावना है. ईओडब्ल्यू मामले की विस्तृत जांच कर रही है.

इस फर्जीवाड़े के माध्यम से बैंक से करीब 1 करोड़ 65 लाख रुपये की हेराफेरी की गई। जालसाजी इतनी चतुराई से की गई थी कि लंबे समय तक किसी को शक तक नहीं हुआ, लेकिन बाद में बैंक ऑडिट के दौरान अनियमितता सामने आने पर जांच शुरू हुई। घोटाले की पुष्टि होते ही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने IPC की धारा 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (क) के तहत मामला दर्ज किया। प्राथमिक जांच में पाया गया कि आरोपी ने बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर बंद खातों को आधार बनाकर ज्वेल लोन स्वीकृत किए और भारी मात्रा में धन का गबन किया।

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