
नईदिल्ली, एजेंसी, 9 महीने और 13 दिन बाद भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर वापस लौट आई हैं. स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के जरिये सुनीता विलियम्स के साथ एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर की अंतरिक्ष से वापसी हुई है.वह 5 जून 2024 को अंतरिक्ष पहुंची थी.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से निकलने के करीब 17 घंटों बाद, उनका कैप्सूल फ्लोरिडा पैनहैंडल के टलाहासी तट के पास मेक्सिको की खाड़ी में उतरा. फ्लोरिडा के समंदर में ड्रैगन यान के कैप्सूल की लैंडिंग कराई गई, जिसके बाद जब सुनीता विलियम्स कैप्सूल से बाहर आईं तो उन्होंने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया.

NASA के मुताबिक सभी एस्ट्रोनॉट की हालत स्थिर है. नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने आश्वस्त किया है कि भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स सहित क्रू-9 के सभी अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा के तट पर सफल स्प्लैशडाउन के बाद पूरी तरह सुरक्षित हैं और स्वस्थ हैं. उन्होंने बताया कि सभी अंतरिक्ष यात्री फिलहाल रिकवरी शिप पर हैं, जहां शुरुआती मेडिकल जांच की जा रही है. इसके बाद उन्हें ह्यूस्टन ले जाया जाएगा, जहां और विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण और मिशन डिब्रीफिंग होगी.
सुनीता विलियम्स धरती पर लौट आई हैं. तड़के 3:27 बजे एलन मस्क का ड्रैगन कैप्सूल उन्हें लेकर फ्लोरिडा तट के पास समुद्र में उतरा, जिसके बाद नासा की टीम उन्हें अपने साथ ले गई. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सुनीता विलियम्स अब अपने परिवार और बाकी दुनिया से कब मिल सकेंगी? इस पर नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री अब डॉक्टरों की टीम के साथ पुनर्वास शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि वे ‘अगले एक-दो दिन में’ अपने परिवारों से मिलेंगे, जो उनकी लंबी यात्रा का एक सुखद समापन होगा.
अब ह्यूस्टन में होगा पुनर्वास
मेक्सिको की खाड़ी में उतरने के बाद, दोनों अंतरिक्ष यात्री पहले स्पेसएक्स के रिकवरी शिप पर रहेंगे और फिर ह्यूस्टन पहुंचेंगे. वहां, फ्लाइट सर्जनों द्वारा उनकी मेडिकल जांच की जाएगी और कुछ दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी. इस रोमांचक मिशन की समाप्ति के साथ, विलमोर और विलियम्स अब धरती पर लौट आए हैं, लेकिन उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा को लंबे समय तक याद किया जाएगा.
भारत में जश्न
सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर सफल वापसी को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत और पूरे विश्व के लिए गौरव, गर्व और राहत का क्षण बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘गौरव, गर्व और राहत का क्षण! पूरा विश्व इस महान भारतीय बेटी की सुरक्षित वापसी का जश्न मना रहा है, जिसने अंतरिक्ष में अस्थिरता के बीच अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और निरंतरता के साथ इतिहास रच दिया है.’
गुजरात के झुलासन गांव में जश्न
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से धरती पर सफल वापसी पर गुजरात के मेहसाणा में उनके पैतृक गांव झुलासन में जश्न का माहौल है. लोगों ने मिठाइयां बांटकर जमकर खुशी जाहिर की और इसे ऐतिहासिक पल बताया.
सुनीता के धरती पर लौटते ही दिखा सुंदर नजारा, समुद्र में डॉल्फिन्स ने किया स्वागत
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव, नौ महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं. इन एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिये सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया था. धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ. उनका स्वागत डॉल्फिन्स ने किया. ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए. यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया, इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता.रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला, जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था. अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया.
सुनीता विलियम्स ने बनाया नया रिकॉर्ड
अपने मिशन के दौरान, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष स्टेशन के नियमित दल के सदस्य बन गए. उन्होंने वैज्ञानिक प्रयोग किए, उपकरणों की मरम्मत की और कई बार अंतरिक्ष में चहलकदमी (स्पेसवॉक) भी की. खासकर, सुनीता विलियम्स ने कुल 62 घंटे नौ स्पेसवॉक्स में बिताकर महिलाओं के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया. वह इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष स्टेशन की कमांडर भी बनीं और तीन महीने तक इस जिम्मेदारी को संभाला.