PADDY; 22 दिन में 60 लाख क्विंटल धान खरीदी की चुनौती, धान का उठाव कम, कई उपार्जन केंद्र जाम
रायपुर, छत्तीसगढ में 3100 रु. क्विंटल धान खरीदी के आदेश के बाद फडों में धान की आवक बढ गई है। आवक के अनुरूप उठाव नहीं होने से फडों में धान जाम होने लगा है। इसके चलते किसानों की परेशानी शुरु हो गई है। कई केंद्रों में ताले लटकने लगे है। करीब 917 राइस मिलों ने धान उठाने का अनुबंध किया है। अब अगले 22 दिनों में करीब 60 लाख मी. टन धान खरीदी की चुनौती है।
विधान सभा चुनाव में किसानों के वोट पाने के लिए पहले कांग्रेस ने बोनस के साथ 3200 रूपये की दर से धान खरीदी का लालच दिया। इसके बाद 1 नवंबर से धान खरीदी की भी घोषणा कर दी। किसानों के कर्जा माफी का लॉलीपॉप भी थमाया। 3200 रूपये क्विंटल में 20 क्विंटल धान खरीदी का बड़ा ऑफर भी दिया। भाजपा ने केवल एक गारंटी दी थी कि 3100 रुपए में 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदेंगे और अपने शासनकाल में दो साल का बोनस नहीं दिए थे उसे देंगे।
किसान के दोनो हाथ में लड्डू थे। चुनाव परिणाम निकलते तक किसान ने धान खरीदी केंद्र में नही गया। परिणाम निकलने के बाद मुख्यमंत्री के न बनने के चलते ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। इसके बाद धान खरीदी की गारंटी की घोषणा अधिकृत रूप से हुई तो धान खरीदी केंद्र में आपाधापी मच गई है। हर धान खरीदी केंद्र में प्रतिदिन धान खरीदने के लिए गांव और किसानों की संख्या निर्धारित है। दो माह बीत चुके है अभी तक 60 लाख मी. टन करीब पचास फीसदी धान की खरीदी हो पाई है।
सरकार द्वारा सप्ताह में 5 दिन और सावर्जनिक अवकाश को छोड़ कर धान खरीदी कार्य किया जाता है। जनवरी में 8 दिन अवकाश और 26 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश है। इस आधार पर जनवरी 2024 में केवल 22 दिन खरीदी होना है। लगभग 60 लाख मेट्रिक टन धान खरीदा जाना शेष है। कम दिनों में अधिक धान खरीदी का दबाव धान खरीदी केंद्र पर पड़ रहा है। टोकन कटवाने के लिए किसान ठंड में धान खरीदी केंद्र का चक्कर लगा रहे है। खरीदी केंद्र से राइस मिलर समय पर धान नही उठा रहे है जिसके कारण अव्यवस्था बढ़ते जा रही है।कई धान खरीदी केंद्र में जगह नहीं है।
जिन किसानों के खेत में केवल 15-20 क्विंटल धान हुआ है वे बाजार से 21क्विंटल में कम धान की मात्रा खरीद कर बेचने के जुगाड़ में है। जिन किसानों ने नवंबर दिसंबर में 20 क्विंटल धान बेच चुके है। उनका बचा हुआ एक क्विंटल धान खरीदी की कोई योजना का अता पता नहीं है। जिन किसानों ने धान बेच दिया है। उनको 3100रूपये का भुगतान समर्थन मूल्य की राशि के बाद मिलना शेष है।
इधर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस में दो साल का बचा बोनस 12 लाख किसानों के खाते में ट्रांसफर कर पहली और 3100 रूपये में धान खरीदी के लिए समर्थन मूल्य के बाद की राशि को एक मुश्त दीन दयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत देने की गारंटी दी हुई है। कांग्रेस शासन काल में ये राशि राजीव गांधी न्याय योजना अंतर्गत दिया जाता था।