POLICE;ओडिशा के नए डीजीपी बने गैर उडिया अफसर योगेश बहादुर खुरानिया
भुवनेश्वर, राज्य में पुलिस डीजी को लेकर चल रही चर्चा अब खत्म हो गई है। योगेश बहादुर खुरानिया प्रदेश के नए पुलिस डीजी नियुक्त किए गए हैं। मुख्य सचिव के बाद डीजीपी भी गैर उडिया अफसर है। खुरानिया ने भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त और नयागढ़, राउरकेला, जाजपुर, मयूरभंज और गंजाम जिलों के पुलिस एसपी के रूप में कार्य किया है। उन्होंने उत्तरांचल और दक्षिणांचल के डीआईजी और बीजू पटनायक पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है।
बीएसएफ में संभाली अहम जिम्मेदारी
पिछले दिनों केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने के बाद उन्हें बीएसएफ स्पेशल डीजी बनाया गया था। 2 अगस्त को केंद्र कैबिनेट कमेटी ने खुरानिया की प्रतिनियुक्ति अवधि को समय से पूर्व समाप्त कर दिया और उन्हें ओडिशा कैडर में वापस भेज दिया गया था।
केंद्रीय कर्म मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के 26 जुलाई के प्रस्ताव के आधार पर केंद्रीय भर्ती संबंधी कैबिनेट कमेटी ने बीएसएफ स्पेशल डीजी 1990 बैच के आईपीएस खुरानिया को अपने कैडर (ओडिशा) में तत्काल प्रभाव से लौटने की मंजूरी दे दी थी।गौरतलब है कि राज्य में वर्तमान समय में 1990 बैच के आईपीएस अरुण कुमार षडंगी अस्थाई डीजी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
डीजीपी बनने के बाद CM से मिलने पहुंचे वाई. बी. खुरानिया
डीजीपी का कार्यभार संभालने के बाद शनिवार को वाई.बी.खुरानिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से भुवनेश्वर लोकसेवा भवन में जाकर शिष्टाचार मुलाकात की है।कटक स्थित पुलिस मुख्यालय में कार्यभार संभालने के बाद राज्य के नए पुलिस डीजी खुरानिया ने कहा है कि राज्यवासियों को उन्नत स्तर की सेवा मुहैया कराना सबसे बड़ा कर्तव्य है। आगामी दिनों में मादक द्रव्य के प्रसार एवं अपराधिक गतिविधि पर लगाने लगाने के लिए पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
नए डीजीपी ने कहा कि वर्तमान के समय में साइबर अपराध को सफलता के साथ मुकाबला करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। शांति व्यवस्था बनाए रखना, अपराध दमन, अपराध निराकरण पर महत्व दिया जाएगा। अस्थाई डीजी अरुण कुमार षडंगी से उन्होंने दायित्व ग्रहण किया।
कौशल के आधार पर की गई डीजीपी की नियुक्ति- अगस्ती बेहरा
वहीं खुरानिया को पुलिस डीजी बनाए जाने पर कांग्रेस एवं बीजद ने राज्य की भाजपा सरकार की कड़ी समालोचना की है।ओड़िया अस्मिता कहने वाली भाजपा सरकार ने किस प्रकार से राज्य के दो प्रशासनिक पद के मुखिया को (मुख्य सचिव एवं पुलिस डीजी) दो गैर ओड़िया अधिकारी को अवस्थापित किया है। यह किस प्रकार की ओड़िया अस्मिता है, सरकार से सवाल किया है।
वहीं, भाजपा ने भी इस पर जवाब दिया है। भाजपा विधायक अगस्ती बेहरा ने कहा कि कौशल के आधार पर डीजीपी की नियुक्ति की गई है। ओड़िया अस्मिता बनाए रखने के लिए कार्य किया जा रहा है।