राजनीति

POLITICS; चुनावी मौसम में छत्‍तीसगढ़ में 40 हजार नेताओं ने बदला दल, बने भाजपा कार्यकर्ता

रायपुर, छत्‍तीसगढ़ में चुनावी मौसम में पार्टी छोड़ने वालों की संख्या थम नहीं रही है। पंचायतों से लेकर जिला और प्रदेश स्तरीय नेताओं का दूसरी पार्टी में जाने का क्रम जारी है। भाजपा का दावा है कि बीते तीन माह में विभिन्न पार्टियों के पूर्व विधायकों, वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं सहित 40,000 से अधिक समर्थक भाजपा में आ चुके हैं।

भाजपा नेताओं का कहना है कि इन्होंने इसलिए अपनी पार्टी छोड़ी कि उन पार्टी में अब इनका सम्मान नहीं किया जा रहा था। इसलिए वे ‘राष्ट्रवाद की लहर’ के साथ आ गए हैं। वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के पास अपने कार्यकर्ता नहीं है। उन्हें अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं पर विश्वास भी नहीं है। इसीलिए वे आयतित नेताओं और कार्यकर्ताओं के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी मौसम में पार्टी छोड़ने का इतिहास बहुत पुराना है। इस बार भी वही इतिहास दोहराया जा रहा है।

कांग्रेस में भारी बिखराव

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा, प्रदेश में विभिन्न पार्टियों के 40,000 से अधिक पूर्व विधायकों, वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भाजपा में प्रवेश किया है। किसी को दबाव डालकर पार्टी में प्रवेश नहीं कराया जा सकता है। नीतियों और विचारधाराओं से प्रभावित होकर भाजपा में प्रवेश कर रहे हैं। कांग्रेस में भारी बिखराव है। कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं है।

प्रलोभन देकर भाजपा प्रवेश

प्रदेश कांग्रेस कमेटी संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं की क्षमता पर भरोसा नहीं रह गया। इसलिए वह लोकसभा चुनाव में दल बदल करवाकर आयातित कार्यकर्ता खोज रही है। एक महामंत्री को भाजपा प्रवेश की जवाबदारी दी गई है, जिनका काम वार्ड और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं को खोजकर उन पर दबाव डालकर प्रलोभन देकर भाजपा प्रवेश कराना है।

Related Articles

Back to top button