राजनीति

POLITICS;कांग्रेस ने घेरा ईडी दफ्तर, जमकर प्रदर्शन के बाद सौंंपा ज्ञापन

रायपुर, भाजपा की केन्द्र सरकार के द्वारा केन्द्रीय एजेंसियो के दुरूपयोग तथा ईडी की कार्यप्रणाली को लेकर देशव्यापी आंदोलन के तहत कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में भी यहां ईडी दफ्तर के सामने घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के सामने घेराव प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ईडी ने देश भर में 5 हजार 422 केस दर्ज किया है। जिसमें 300 केस छोड़ दे तो बाकी सभी केस विपक्ष के नेताओं का केस है। विपक्ष को डराओं, धमकाओ और अपनी पार्टी में शामिल कर लो यह काम केंद्र की भाजपा की सरकार करती है। आज तक इस तरह ईडी और आईटी का दुरुपयोग कभी नहीं हुआ। लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है। कांग्रेस पार्टी का एक विचारधारा है सत्य और अहिंसा पर चलना है।

उन्होंने कहा कि बलौदाबाजार घटना में यूथ जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष और दो बार के विधायक जेल में बंद कर दिया लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नही है। हमारे नेताओं को जेल भेजोगे तो हमारे एक-एक कार्यकर्ता, पार्टी  और हम सब मिलकर यह लड़ाई को लडेंगे। यह भाजपा की सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। जनता को भाजपा की सरकार पर भरोसा नहीं है। भाजपा की सरकार से जनता का मन उठ गया। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था बदहाल है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि सेबी के प्रमुख की सेबी अडानी के साथ मिलने का जो समाचार मिला उसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में जेपीसी की मांग की है इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। जेपीसी की जांच नहीं करवाई क्योंकि हिर्डनबर्ग ने जो आरोप लगाये थे वह अडानी , अडानी के भाई और सेबी अध्यक्ष पर है, जो अडानी के साथ मिले हुये है। उन लोगो की मिलीभगत से देश में सबसे बड़े घोटाले का कार्य हुआ है। इसके संदर्भ में राहुल गांधी ने तीन मांगे रखी थी पहला सेबी प्रमुख इस्तीफा दे, दूसरा निवेशकों का पैसा जो गवाया गया है उसकी भरपाई कहां से करेंगे और जेपीसी जांच की मांग। मोदी ने अडानी को संरक्षण दिया है। चाहे जंगल काटने का मामला हो संरक्षण अडानी को मिलता है। चाहे जमीने देने की बात हो संरक्षण अडानी को दिया जाता है। यहां के अनेक संस्थान जो बने है उसको अडानी को दिया जाता है। गरीब नौकरी करने वाले को कुछ नहीं मिला है। 

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