PUNISHMENT;बहुचर्चित योगमाया हत्याकांड के सभी पांचों हत्यारों को उम्रकैद,पूरे परिवार की हत्या की गई थी
महासमुंद, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बहुचर्चित योगमाया हत्याकांड के सभी पांचों आरोपियों को महासमुन्द सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। किशनपुर में स्वास्थ्य कर्मी योगमाया हत्याकांड की बर्बर तस्वीरों को देख कर आज भी क्षेत्रवासी सहम उठते है. उक्त वारदात से एक भरा पूरा परिवार समाप्त हो गया था।
पिथौरा नगर के समीप ग्राम किशनपुर में एक एएनएम दम्पत्ति एवम उनके दो बच्चों की लोमहर्षक हत्याकांड के पांच आरोपियों को आज महासमुन्द के सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी आरोपियों ने एएनएम योगमाया के साथ उसके पति और दो बच्चों की नृशंस हत्या कर दी थी। मामले की फॉरेंसिक जांच के बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई थी, जिस पर आज फैसला सुनाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महासमुंद लीलाधर सारथी के न्यायालय ने आज सभी आरोपी धर्मेंद्र बरिहा, सुरेश खुटे, गौरी शंकर कैवर्त, फुल सिंग यादव, अखन्ड प्रधान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
घटना के समय स्थानीय पुलिस की जांच से असंतुष्ठ होकर परिजनों ने मामले की सही जांच नहीं होने का आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत करने के साथ फॉरेंसिक टीम के अलावा सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। लगातार परिजन मामले की सूक्ष्म जांच कराने की मांग करते रहे, तब कहीं जाकर सीबीआई जांच की गई। फॉरेंसिक जांच के बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी गई थी।
घटना छत्तीसगढ़ प्रदेश के महासमुंद इलाके के पिथौरा थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में 30 और 31 मई 2018 की दरम्यानी रात किसनपुर में पदस्थ एएनएम योगमाया साहू उसके पति चैतन्य साहू और दो बच्चों सात वर्षीय तन्मय साहू और नौ वर्षीय कुणाल साहू की बड़ी बेरहमी से धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। मृतका योगमाया गांव में ही बने उप स्वास्थ केंद्र में काम करती थी और अपने परिवार के साथ उसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बने अपने घर में रहती थी। घटना के अगले दिन चारों के शव घर से बरामद किए गए थे। मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परिजनों ने इसके विरोध में जमकर हंगामा करते हुए धरना भी दिया था।
इसके बाद काफी दबाव में आकर पुलिस ने एक आरोपी धर्मेंद्र को इस मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र का नार्को टेस्ट भी कराया था. इस टेस्ट में उसने अपने साथ पांच और आरोपियों हुए फूल सिंह यादव, गौरी शंकर केवट, सुरेश खूंटे और अखंड प्रधान का नाम भी लिया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस केस में कुल 5 लोगों को आरोपी बना कर गिरफ्तार किया था।
सही न्याय नही मिला—बाबूलाल
मृतिका योगमाया के ससुर बाबूलाल साहू सेशन कोर्ट के उक्त फैसले से निराश है. श्री साहू ने कहा कि जिन परिस्थियों में उनके पुत्र एवम बहु सहित दो मासूमो की हत्या कर पूरा परिवार समाप्त करने वाले निर्दयी आरोपियों को कानूनी रूप से भी फांसी की सजा होनी चाहिए । हम भी आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे है। सेशन कोर्ट के फैसले से असन्तुष्ट होने के कारण वे न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण मे जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे।