RATION SCAM;कौन होंगे राशन घोटाले की जांच समिति के सदस्य, क्या होंगे जांच के एजेंडे ?
रायपुर, मुख्य मंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का पहला बजट सत्र का आज अवसान हो गया। बजट सत्र के पहले प्रश्नकाल के पहले ही प्रश्न में सरकार को राशन बचत घोटाले के जांच के लिए विधायकों की समिति द्वारा जांच के आदेश की घोषणा हो गई।
प्रतिपक्ष में रहते हुए भाजपा के सदस्यों ने 2023 के बजट सत्र में प्रदेश में 600 करोड़ के राशन बचत घोटाले के मुद्दे को उठा कर कांग्रेस सरकार से जांच की मांग की थी। पूर्व मुख्य मंत्री और वर्तमान सरकार के विधान सभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने राशन बचत घोटाले की जांच भूपेश सरकार द्वारा नही किए जाने पर केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को दस्तावेजी प्रमाण भेज कर केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच की मांग की थी। केंद्रीय जांच दल को कांग्रेस शासनकाल में अधिकारियो ने गलत जानकारी देकर लीपापोती कर दी थी।
भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद बजट सत्र में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से घोटाले की जानकारी मांगी। नव नियुक्त खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने शासकीय अधिकारियो की कार गुजरियों को समझे बगैर ये कह कर बचने और बचाने की कोशिश किया कि घोटाला उनके कार्यकाल का नहीं है लेकिन पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत द्वारा 24 मार्च 2023 तक जानकारी देने के आश्वासन को आसंदी के व्यवस्था मानते हुए धरम लाल कौशिक,अजय चंद्राकर,और राजेश मूणत ने सवालों की बौछार लगा दी। 2023 के बजट सत्र में 600 करोड़ के बचत राशन घोटाले को खाद्य संचालनालय का एक अधिकारी तकनीकी त्रुटि की आड़ में 216 करोड़ तक ला चुका है।
पूर्व विधान सभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने चुनिंदा राशन दुकानों के घोषणा पत्र का उल्लेख करते हुए जानकारी दी कि गलत जानकारी दी जा रही है। घोटाले को छुपाने के लिए तेरह हजार राशन दुकानों का घोषणा पत्र एनआईसी की एक अधिकारी द्वारा हटा दिया गया। दो माह का पूरा कोटा दिए जाने के बाद बचत स्टॉक घटा कर न देने के नाम पर अजय चंद्राकर ने विधायको की समिति से जांच कराने की मांग की। अंततः संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शासन की तरफ से जांच की घोषणा कर दी।
नई सरकार का बजट सत्र खत्म हो गया है। विधान सभा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सप्ताह विधायको की समिति की घोषणा संभावित है। तीन से पांच सदस्यो की समिति में सत्ता पक्ष के दो या तीन और प्रतिपक्ष की तरफ से एक या दो विधायक जांच समिति में होने की संभावना है। धरम लाल कौशिक,अजय चंद्राकर और राजेश मूणत का नाम सत्ता पक्ष से संभावित माना जा रहा है। विपक्ष से उमेश पटेल, उतरी जांगड़े का नाम सामने आ रहा है। जांच समिति को विधानसभा की ओर से सरकार द्वारा बनाए गए नियम,जांच के बिंदु, खाद्य सचिव,संचालकों,खाद्य अधिकारियों के नाम का चयन और साक्ष्य के लिए नान के अधिकारी,परिवहन कर्ता सहित स्वतंत्र गवाह सहित शिकायकर्ता और खाद्य विभाग से संलग्न अधिकारियो के संघ के पदाधिकारियों को बुलाए जाने के बाद निश्चित अवधि में समिति जांच के निष्कर्ष सदन के पटल पर रखेगी।
संभावना है कि पूर्व खाद्य मंत्री, सचिव, संचालक सहित खाद्य संचालनालय और एन आई सी खाद्य के अधिकारियो सहित विभाग के जिला प्रमुख अधिकारियो के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र कर अरबों रूपये के घोटाले के लिए जिम्मेदार बताया जा कर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही की अनुशंसा की जावेगी।