SCAM; जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सरगुजा में 13 करोड़ का घोटाला, ईओडब्ल्यू से जांच कराने की सिफारिश
कार्यवाही

0 दो शाखा प्रबंधकों सहित 6 लोगों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई
अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ के सरगुजा के जिला केंद्रीय सहकारी बैक अंबिकापुर में 13 करोड़ 14 लाख रुपये की अनियमितता के मामले में सरगुजा कलेक्टर ने बड़ा एक्शन लिया है. शंकरगढ़ व कुसमी सहकारिता बैंकों के दो शाखा प्रबंधकों सहित 6 लोगों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की है. मामले में संबंधित आरोपियों को निलंबित कर दिया. वहीं, सभी के विरुद्ध FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. वहीं, कलेक्टर सरगुजा और केंद्रीय सहकारी बैंक के प्राधिकृत अधिकारी ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के लिए आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर से जांच कराने के लिए सहकारिता सचिव को पत्र लिखा है.

सुनियोजित सांठ-गांठ से लगाई बड़ी चपत
जांच के बाद पता चला कि शंकरगढ़ व कुसमी सहकारी बैंक के प्रबंधकों व अन्य कर्मचारियों के द्वारा सुनियोजित सांठ-गांठ करते हुए तकरीबन 13 करोड़ 14 लाख 82 हजार रुपये की गड़बड़ी की गई है, जिसके बाद सरगुजा कलेक्टर और केंद्रीय सहकारी बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास भोसकर ने अशोक कुमार सोनी सहायक मुख्य पर्यवेक्षक (बैंक आई.डी.क्रमांक 631 प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा शंकरगढ़), जगदीष प्रसाद (सहायक लेखापाल बैंक आई.डी क्रमांक 633 प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा कुसमी), समल साय (सेवा निवृत्त सहायक मुख्य पर्यवेक्षक बैंक आई.डी क्रमांक 527 निवासी ग्राम+ पोस्ट भगवतपुर कुसमी), प्रकाश सिंह कम्प्यूटर आपरेटर को तत्काल निलंबित करते हुए इनके विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
सहकारिता सचिव को कलेक्टर ने लिखा पत्र
इस बारे में बताया जा रहा है कि सरगुजा संभाग में केंद्रीय बैंक के ग्रामीण क्षेत्रों के शाखाओं में भारी लापरवाही देखी जा रही है. यही कारण है कि सरगुजा कलेक्टर व केंद्रीय सहकारी बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास राव भोसकर ने केंद्रीय सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित अम्बिकापुर द्वारा सरगुजा संभाग में संचालित बैंक के 6 शाखाओं में उजागर हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य स्तरीय टीम गठित कर संघन जांच कराये जाने की बात कही है.
सहकारी बैंक रामानुजगंज में एक करोड़ 33 लाख का गबन हुआ था
इधर पिछले साल बलरामपुर जिले के जिला सहाकारी केन्दीय बैंक रामानुजंगज में एक करोड़ 33 लाख रुपये से अधिक का गबन कर लिया गया था। आर्थिक अनियमितता के इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक शंकर राम भगत व कर्मचारी विजय उइके व राजेश पाल की संलिप्तता विभागीय जांच में सामने आई। इनमें से विजय उइके व राजेश पाल को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया। बैंक की राशि की हेराफेरी के मामले में कंप्यूटर आपरेटर पंकज विश्वास की भी मिलीभगत सामने आई थी। उसने अपने फर्म के अलावा अपने भाई मनोज विश्वास तथा एक अन्य परिचित के खाते में बैंक की राशि अंतरित की थी। विभागीय जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित है कि शंकर राम भगत शाखा प्रबंधक, विजय उइके तथा राजेश पाल के द्वारा शाखा रामानुजगंज में पदस्थापना के दौरान शासकीय राशि का गलत तरीके से अन्य खातों में स्थानांतरण कर कुल एक करोड़ 33 लाख 58 हजार 689 रूपये का गबन किया गया है।