Rukhsana Sultana; वह महिला, जिसने 1 साल में 13,000 पुरुषों की कर दी नसबंदी
नईदिल्ली, देश की सियासत में आपातकाल को एक काले अध्याय के रूप में देखा जाता है। इमरजेंसी के दौरान समूचे विपक्ष को जेल की कोठरियों में भर दिया गया था। इंदिरा गांधी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण फैसले संजय गांधी लिया करते थे। तब सत्ता के गलियारों में एक और नाम चर्चा में रहता था, जिसकी तूती बोलती थी और वो नाम था ‘रुखसाना सुल्ताना’ का।
कौन थी Rukhsana Sultana
इमरजेंसी में संजय गांधी की भूमिका काफी अहम मानी जाती थी। संजय गांधी की बेहद करीबी मित्र Rukhsana Sultana सत्ता के गलियारों में काफी ताकतवर हो गई थी। रुखसाना सुल्ताना की पहचान वैसे तो एक समाज सेविका के तौर पर थी, लेकिन बाद में संजय गांधी से करीबी ही उनकी खास पहचान बन गई। यही कारण था कि इंदिरा गांधी के साथ-साथ संजय की पत्नी मनका गांधी भी उन्हें खास पसंद नहीं करती थी।
रशीद किदवई ने किताब में किया जिक्र
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रशीद किदवई ने अपनी किताब ’24 अकबर रोड’ में इमरजेंसी, संजय गांधी और Rukhsana Sultana से जुड़े किस्सों के बारे में विस्तार से जिक्र किया है। किताब में किदवई ने कई किस्सों का जिक्र करते हुए बताया कि संजय गांधी से करीबी के कारण कैसे रुखसाना सुल्ताना सियासी तौर पर काफी ताकतवर हो गई थी।
इमरजेंसी में चलाया गया नसबंदी कार्यक्रम
संजय गांधी को लगता था कि देश की अधिकांश समस्याओं का मुख्य कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है। इसलिए इमरजेंसी के दौरान उन्होंने सख्त नसबंदी कार्यक्रम चलाया था। ऐसा माना जाता है कि नसबंदी कार्यक्रम में संजय गांधी रुखसाना सुल्ताना से सलाह लेकर ही फैसले लेते थे। तब रुखसाना सुल्ताना को दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाके जामा मस्जिद में लोगों की नसबंदी कराने और अवैध निर्माण हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे लेकर खूब विवाद हुआ था।
रुखसाना ने कराई 13000 लोगों की नसबंदी
राशिद किदवई ने अपनी किताब में जिक्र किया है कि रुखसाना सुल्ताना ने नसबंदी कार्यक्रम के तहत जामा मस्जिद इलाके में 1 साल में करीब 8000 लोगों की नसबंदी कराई थी, जबकि कुछ अन्य सोर्स ने यह आंकड़ा 13000 तक बताया है। इतनी नसबंदी कराने पर तब रुखसाना सुल्ताना को सरकार से 84 हजार रुपए भी मिले थे। तब विपक्षी नेताओं ने जबरन नसबंदी का आरोप लगाया था।
दिल्ली में रुखसाना ने ध्वस्त कराया तुर्कमान गेट
जुलाई 1976 में रुखसाना सुल्ताना ने दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में कई दुकानों को ध्वस्त कराया था, तब बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध किया। पुलिस ने विद्रोही भीड़ पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और गोलियां चलाई थी तो कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद कांग्रेस में ही रुखसाना सुल्ताना का विरोध होने लगा था, लेकिन संजय गांधी ने सभी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया था।
रुखसाना सुल्ताना की ये पहचान भी
संजय गांधी की करीबी होने के साथ रुखसाना सुल्ताना की एक और बड़ी पहचान थी। Rukhsana Sultana का बॉलीवुड से गहरा नाता था। रुखसाना की मां जरीना सुल्ताना तत्कालीन फिल्म अभिनेत्री बेगम पारा की सगी बहन थी। इसके अलावा Rukhsana Sultana की बेटी अमृता सिंह भी बॉलीवुड में विख्यात अभिनेत्री रही हैं, जिन्होंने अभिनेता सैफ अली खान के साथ शादी की थी, हालांकि बाद में दोनों का तलाक हो गया था।
रुखसाना ने शिविंदर सिंह विर्क से की थी शादी
रुखसाना सुल्ताना ने Shivinder Singh Virk के साथ शादी की थी और दोनों की बेटी अमृता सिंह के पैदा होने के बाद तलाक हो गया था। तलाक के बाद रुखसाना ने दिल्ली में एक ज्वेलरी बुटीक खोला था और यहीं पर पहली बार उनकी मुलाकात संजय गांधी के साथ हुई थी।