STRIKE; 32 सूत्रीय मांग को लेकर पटवारी बेमुददत हड़ताल पर, आनलाइन भूइंया में हो रही दिक्कतों को सुधारने की मांग पर अड़े
रायपुर, 32 सूत्रीय मांग को लेकर राजधानी रायपुर समेत पूरे छतीसगढ़ में राजस्व पटवारी संघ की बेमुददत हड़ताल शुरू हो गई है ! राजधानी के तूता मे आज दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी है ! संघ का कहना है कि आनलाइन नक्शा बटांकन, संशोधन पहले पटवारी आइडी में संबोधित कर राजस्व निरीक्षक की आइडी में भेजा जाता है जिसके कारण जब तक राजस्व निरीक्षक आइडी से अनुमोदन नहीं होता तब तक उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं किया जा सकता जिसके कारण अनावययक विलंब होता है एवं पटवारी द्वारा अनुमोदन के लिये भेजा गया नक्शा बटांकन प्रस्ताव पटवारी आइडी में नहीं दिखता है जिससे त्रुटि की संभावना रहती है। सामान्यतः नक्शा सर्वर अधिकांशतः नहीं खुलता है, और खुलता भी है तो अत्यंत ही धीमा रहता है।
प्रमुख मांग
0 खाते में आधार, मोबाइल नंबरो की कम एंन्ट्री होने के कारण कार्यवाही की जा रही है जो कि अनुचित है।आनलाइन रजिस्ट्री होने के बाद नामांतरण हेतु पटवारी आइडी में आता है जिसमे क्रेता विक्रेता से संबंधित सभी जानकारी अंग्रेजी में दर्ज रहता है। जिसको हिन्दी में टाइप करना पड़ता है जिसके कारण कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लिपिकीय त्रुटि होना संभाव्य है। जिसके लिये पटवारियों को दोषी समझा जाता है । इस पर सुधार की जरुरत है।
0 तात्कालीन समय में संबंधित पटवरियों द्वारा किसी एक पक्षकार की अनुपस्थिति में नक्शा बटांकन कर दिया जाता है अधिकारियो के अत्यधिक दबाव के कारण ऐसे नक्षों का बटांकन करने से भूमि स्वामियों का हित प्रभावित हो रहा है जिससे अनावष्यक विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। जिसमें पटवारियों को दोषी ठहराया जा रहा है।
भुइयां पोर्टल में फौती नामांतरण के अभिलेख दुरूस्ती करने पर फौत व्यक्ति के वारिसानों का नाम दर्ज होता है किन्तु अन्य शामिल खातेदारों का नाम संबंधित खाते से विलोपित हो जाता है जिससे त्रुटि सुधार का धारा 115 में प्रकरण दर्ज करवाना पड़ता है जो त्रुटि सुधार में पेंडेंसी का बहुत बड़ा कारण होता है।
रजिस्ट्री नामांतरण हेतु जो प्रकरण पटवारी आइडी में उपलब्ध होते हैं उसमें नाम पिता का नाम दर्ज करने का विकल्प दुबारा नहीं रहता है। विकल्प न होने के कारण अगर किसी नामांतरण में मानवीय भूलवष कोई लिपकीय त्रुटि होती है तो उसके सुधार की कोई गुंजाइश न होने से धारा 115 में त्रुटि सुधार का एक और प्रकरण दर्ज करवाना पड़ता है जिससे हितग्राही परेशान होता है जिसका सारा दोषारोपण पटवारियों पर थोपा जाता है। जबकि इसमें सुधार कर कम से कम एक बार लिपकीय सुधार करने का विकल्प पटवारी आइडी में दिया जाना चाहिये।
भुइयां साफटवेयर में उपरोक्त विसंगतियों के कारण एक ओर जहां पटवारियों को कार्य करने में परेशानी हो रही हैं वहीं दूसरी ओर खाताधारकों,भूमि स्वामियों, कृषकों को भी अनावश्यक न्यायालयीन कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है। खाताधारकों (कृषकों) के हित में साफटवेयर में आवश्यक सुधार की मांग की है।
भुइयां साफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करते हुये जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदारी भी तय की जाये तथा दोषी पर कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये। पटवारियो को प्रताड़ित करने के बजाये पटवारी का पद ही समाप्त कर दिया जाये।