राजनीति

CM;रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की नई सीएम, रामलीला मैदान में कल शपथ ग्रहण समारोह

दिल्ली

नई दिल्ली, दिल्ली चुनाव के नतीजे घोषित होने के 11 दिन बाद आज यानी बुधवार को आखिरकार दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया। बुधवार शाम को सभी 48 नवनिर्वाचित बीजेपी विधायकों की बैठक हुई, जिसमें विधायक दल का नेता चुना गया। बीजेपी विधायकों ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम चुना। 

रेखा गुप्ता का दिल्ली की सीएम बनना तय था

भाजपा विधायक कैलाश गहलोत ने कहा, “उन्हें और दिल्ली की जनता को हार्दिक बधाई। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वह अद्भुत काम करेंगी। मुझे नहीं लगता कि उपमुख्यमंत्री के बारे में कोई चर्चा हुई है। कल सीएम और मंत्री शपथ लेंगे।”

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर पहली बार शालीमार बाग से चुनाव जीतने वाली रेखा गुप्ता अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं। आज हुई विधायक दल की बैठक में इनके नाम पर मुहर लगी। सियासी गलियारों में शुरू से ही इस नाम की चर्चा जोरों पर थी। बता दें दिल्ली सीएम के तौर पर दिवंगत और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (जो कभी दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रहीं) उनके बाद भाजपा से दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। रेखा गुप्ता एलएलबी पास हैं। गुप्ता का जन्म जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव 1974 में हुआ था। जब वे दो साल की थीं, उनके पिता की नौकरी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर मैनेजर लगी। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और 1976 में पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा गुप्ता की पूरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। इसी दौरान वे ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़ गईं और राजनीति में एक्टिव हो गईं।

ABVP से सियासी सफर की शुरूआत

रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव व प्रधान भी रह चुकी हैं। हालांकि, अब उनके परिवार के लोग जुलाना की अनाज मंडी में आढ़त का काम करते हैं। रेखा गुप्ता ने बताया कि वे अब भी समय-समय पर जुलाना आती रहती हैं। कभी कभार गांव में भी गई हैं।

रेखा गुप्ता तीसरी बार पार्षद बनी हैं, 2023 में उन्होंने निगम में महापौर का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं, रेखा गुप्ता तीसरी बार पार्षद बनी हैं, पहली बार 2007 में पार्षद बनीं, दूसरी बार 2012 से 2017 तक। 2017 में भाजपा ने सभी मौजूदा पार्षदों के टिकट काट दिए, इसलिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, 2022 में तीसरी बार पार्षद बनीं, 2012 से 2017 तक वे निगम की स्थायी समिति की सदस्य रहीं, वे निगम की बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष भी रहीं।

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