कृषि

FARMING;ड्रोन से फसल में दवाई छिडकाव के साथ खेतों की निगरानी संभव,रोजगार के अवसर भी

प्रदर्शन

0 कृषि महाविद्यालय में कृषि में ड्रोन तकनीक पर कार्यशाला

रायपुर, “कृषि में ड्रोन तकनीक” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 22 अप्रैल को कृषि महाविद्यालय, रायपुर के सेमिनार हॉल में किया गया । यह कार्यशाला विशेष रूप से कृषि महाविद्यालय, रायपुर के छात्रों के लिए आयोजित की गई थी । इस कार्यक्रम का आयो जन करियर गाइडेंस, लेसमेंट एवं एलुमनी सेल, अधिष्ठाठाता छात्र कल्याण, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (खरपतवार प्रबंधन), संचालक अनुसंधान सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं मरुत ड्रोन अकादमी , हैदराबाद के संयुक्त प्रयास से किया गया ।

इस कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया , जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी एच.डी . स्कालर शामिल थे। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को ड्रोन तकनीक और उसके आधुनिक कृषि में उपयोग से परिचित कराना था । कार्यक्रम को इस तरह डिज़ाइन किया गया था कि उसमें सैद्धांतिक जानकारी और व्यावहारिक अनुभव का समावेश हो – जिसमें तकनीकी सत्र, विशेषज्ञ व्याख्यान एवं ड्रोन के जीवंत प्रदर्शन शामिल थे।

कार्यशाला की शुरुआत डॉ . एस. चितले, मुख वैज्ञानिक, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियो जना (खरपतवार प्रबंधन), सश्य विज्ञान विभाग ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को नवीनतम ड्रोन तकनीकों से अवगत कराना और उनके भारतीय कृषि में व्यावहारिक उपयोग को समझाना है।
इसके पश्चात डॉ .संजय शर्मा , अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ . जी .के. दा स, अधिष्ठाता , कृषि महाविद्यालय, रायपुर एवं डॉ . विवेक त्रिपाठी , निदेशक, संचालक अनुसंधान सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने कार्यशाला को संबोधित किया । उहोंने कृषि में ड्रोन तकनीक की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। विशेष रुप से कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों के छिड़काव में जिससे किसानों का समय और लागत दोनों की बचत होती है। उहोंने यह भी कहा कि ड्रोन तकनीक भारत में अगली कृषि क्रांति का वाहक है।
ग्रुप कैप्टटन (सेवा निवृत्त) रवि माधव शर्मा , मुख्य परिचालन अधिकारी , मरुत ड्रोन अकादमी , हैदराबाद ने “कृषि में ड्रोन तकनीक ” विषय पर मुख्य भाषण प्रस्तुत किया । उहोंने ड्रोन के कीट प्रबंधन, बीजारोपण और फसल निगरानी में उपयोग के साथ-सा थ ड्रोन क्षेत्र में कैरियर के विविध विकल्पों – जैसे ड्रोन पायलट, रिपेयर व सर्विसिंग टेक्नीशियन, मैन्युफैचरिंग आदि की जानकारी दी ।

इसके पश्चात डॉ . मंजू तिवारी , सहायक प्राध्यापक, एस.वी .वी . कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर ने “कृषक के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): एक आवश्यक उपकरण” विषय पर व्याख्यान दिया । उहोंने छात्रों को सरल उदाहरणों के माध्यम से बताया कि एआई तकनीकें कृषि निर्णयों को बेहतर बनाने और उत्पादन दक्षता बढ़ाने में कैसे सहायक हो सकती हैं।

कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति रही ड्रोन का जीवंत प्रदर्शन, जिसे ग्रुप कैप्टन रवि माधव शर्मा और उनकी टीम ने कॉलेज मैदान में किया , जहाँ छात्रों को ड्रोन संचालन कार्य का अनुभव प्राप्त हुआ।

Related Articles

Back to top button