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POPULATION;सरकार ने दिया ऑफर-‘जाओ बच्चे पैदा करो, हफ्तेभर की छुट्टी हम देंगे’, स्कूल में पढ़ते हुए भी हो सकते हैं प्रेग्नेंट

रूस

0रूस में जन्म दर पिछले 200 साल में सबसे निचले स्तर पर, प्रेग्नेंट छात्राओं के लिए 1,05,022 रुपये की आर्थिक मदद

मास्को, दुनिया में अलग-अलग देश हैं और सबकी अपनी समस्याएं हैं. कहीं खाने-पीने की कमी है तो कहीं पर पैसे नहीं हैं. हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां जनसंख्या न बढ़ना ही अपने आपमें समस्या बनी हुई है. भारत में जनसंख्या बढ़ने से लोग परेशान हैं लेकिन रूस में जनसंख्या न बढ़ना सरकार की सिरदर्दी है. इसके लिए वो अजीबोगरीब ऑफर जनता को देते रहते हैं. ऐसा ही एक और नियम इस वक्त चर्चा में है.

सरकार ने ऐसा अजीबोगरीब ऑफर दिया है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. रूस की सरकार जल्दी ही ये नियम लाने वाली है कि लोगों को एक हफ्ते की छुट्टी सिर्फ परिवार बढ़ाने के लिए दी जाएगी. बाकायदा संसद में इस पर बात की गई है. क्रेमलिन-समर्थक सांसद जॉर्जी अरापोव ने इससे जुड़ा हुआ प्रस्ताव रखा.

हफ्तेभर की छुट्टी लो पर बच्चे पैदा करो

रूस में घटती जन्म दर को बढ़ाने के लिए क्रेमलिन ने एक अनोखा कदम उठाया है. क्रेमलिन-समर्थक सांसद जॉर्जी अरापोव ने प्रस्ताव दिया है कि कर्मचारियों को साल में एक सप्ताह की छुट्टी दी जाए, ताकि कपल्स बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित हों. 25 साल के अरापोव देश के सबसे युवा सांसद हैं. उन्होने प्रस्ताव दिया कि इस तरह की छुट्टी लोगों को तनावमुक्त होकर परिवार शुरू करने या रिश्ते बनाने का मौका देगी.

रूस में जनसंख्या बनी समस्या

पिछले महीने के आंकड़ों के मुताबिक रूस की जन्म दर पिछले 200 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. इसे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. रूस में गर्भपात पर प्रतिबंध भी लगाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. श्रम मंत्री एंटोन कोत्याकोव ने अरापोव की प्रस्तावित हफ्तेभर की छुट्टी की व्यावहारिकता पर जांच करने को कहा है. वहीं पुतिन के समर्थक पादरी आंद्रेई त्काचेव ने सुझाव दिया है कि 45 साल तक बच्चे न पैदा करने वाले पुरुषों पर प्रतीकात्मक टैक्स लगाया जाए ताकि उन्हें सामाजिक दबाव महसूस हो.

कैसे भी करो, पैदा करो बच्चे!

इसके अलावा डॉक्टर येवगेनी शेस्टोपालोव ने सुझाव दिया कि कर्मचारी अपने कॉफी या लंच ब्रेक में भी वक्त निकाल सकते हैं और बच्चे की प्लानिंग कर सकते हैं. आपको बता दें कि रूस में पहले भी इससे जुड़े कई अजीबोगरीब प्रस्ताव आ चुके हैं- जैसे रात 10 बजे से 2 बजे तक इंटरनेट और बिजली बंद करना, ताकि लोग क्वालिटी टाइम बिता सकें. इसके अलावा सरकार ने पहली डेट के लिए 4500 रुपये , प्रेग्नेंट छात्राओं के लिए 1,05,022 रुपये और कुछ क्षेत्रों में पहले बच्चे के लिए 9,70,319 रुपये तक की आर्थिक मदद का भी ऐलान किया है.

रूसी प्रधानमंत्री राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस की आबादी बढ़ाना राष्ट्रीय प्राथमिकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितने होंगे. देश के एक प्रमुख राजनेता अन्ना कुजनेत्सोवा ने सुझाव दिया कि महिलाएं 19-20 साल की उम्र से ही बच्चे पैदा करना शुरू करें. यहां प्रेग्नेंसी की कोई मिनिमम उम्र भी नहीं तय की गई है.

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