इंदिरा बैंक घोटाला; दो कंपनियों ने जमा कराया एक करोड़, पेशी में नहीं आए तो जमानत होगी खारिज
रायपुर, भाजपा शासन काल में वर्ष 2006 में हुए 17 साल पुराने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला मामले में दो दिन के भीतर सर्वना व्यापार प्रा लि कंपनी और उपकार मर्चेंट प्रा लि ने चेक के जरिए कुल एक करोड़ रूपये जमा कराया गया। अब तक विभिन्न कंपनियों ने बैंक में 2.43 करोड़ रूपये जमा कराए है।
मिली जानकारी के अनुसार इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में 54 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ था। इसमें 30 हजार खाते धारकों की बैंक में जमा रकम डूब गई थी। इस दौरान तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा कोई सख्ती नहीं बरती गई। इसके चलते किसी भी खाताधारक को रकम वापस नहीं मिली। वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बैंक घोटाले की जांच करने के आदेश दिए गए।इसके बाद कोर्ट और पुलिस ने इसमें शामिल सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया। इसकी तामिली होते ही बैंक में फर्जी दस्तावेज के आधार पर क्रेडिट लेने वाले चार कारोबारियों ने 1.43 करोड़ 50 हजार रुपए जमा कराया। इसके बाद विभिन्न कंपनियों की ओर पैसे जमा कराने का सिलसिला जारी है।
छत्तीसगढ़ शासन के उप महाअधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि शुक्रवार को सर्वना व्यापार प्रा लि की ओर से 13 लाख रुपये और उपकार मर्चेंट प्रा लि ने 12-12 लाख के दो चेक और 13-13 लाख के दो चेक कुल एक करोड़ रुपये इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में जमा कराया गया, जबकि गुरुवार को रसना कामर्शियल प्रालि ने सात लाख, पांच लाख, 15 और 10 लाख कुल 37 लाख रूपये जमा कराया गया था।बैंक से लोन लेने वालों में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के 35 कंपनिया शामिल हैं।
पेशी में नहीं आए तो आरोपियों की जमानत होगी खारिज
बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले में शामिल जमानत पर रिहा 12 आरोपियों को सीजेएम भूपेश कुमार बसंत ने 15 सितंबर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट पेशी में नहीं आने वाले आरोपियों की जमानत खारिज की जायेगी। पिछले दिनों कोर्ट पेशी में 12 आरोपियों में केवल उमेश सिन्हा और सुलोचना आडिल उपस्थित हुई थी।