चुनाव पूर्व सरकार की घोषणा भेदभाव की पराकाष्ठा; आज पूरे प्रदेश में आंदोलन शत प्रतिशत सफल-विजय झा
रायपुर, कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री परिषद द्वारा 5% महंगाई भत्ता अहर्तादायी सेवा 33 से घटाकर 30 वर्ष तथा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अवधि 20 से घटाकर 17 किया गया है। पेंशनरों के महंगाई भत्ता के संबंध में सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। अनियमित कर्मचारी बहुत उम्मीद लगाए थे। उनको भी निराशा मिली है।
चुनाव पूर्व एक देश एक कानून एक संविधान की बात करने वाले जनप्रतिनिधि केंद्र और राज्य के कर्मचारियों में महंगाई भत्ता में भेदभाव,नगर क्षतिपूर्ति भत्ता गृहभाड़ा भत्ता में भेद करके कर्मचारियों को आंदोलन के लिए उत्प्रेरित कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारियों का सौभाग्य है कि समस्त भेदभाव भूलकर सशक्त आंदोलन की तैयारी है। अनियमित कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, सर्व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी अपने मान सम्मान की लड़ाई चुनाव के पूर्व लड़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा दुर्भाग्य 9 महीने से शिक्षक पंचायत कल्याण संघ की विधवा बहने छोटे से छोटे शासकीय सेवा के लिए पति के दिवंगत होने के बाद शासन से याचना कर रहे हैं। यह सबसे पहले पूरा करने योग्य है। अनियमित कर्मचारियों को 10 दिन में नियमितीकरण का वादा पूरा किया जाना चाहिए था। प्रदेश के कर्मचारी कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं अपितु कांग्रेस घोषणा पत्र के वादों को पूरा कराने के लिए आंदोलनरत हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को झुनझुना पकड़ाने के 6 जुलाई के मंत्रिपरिषद के निर्णय के विरोध में 7 जुलाई को पूरे प्रदेश में सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालय में कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, तथा वे केंद्रीय कर्मचारियों के समान वेतन भत्तों की मांग कर रहे हैं। एक देश एक कानून एक संविधान की बात करने वाले एक वेतनमान एक महंगाई भत्ता एक गृहभाड़ा भत्ता क्यों नहीं करते हैं। प्रदेश में आज 500000 से अधिक कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन का आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी , जिला सचिव विजय कुमार झा ने समर्थन किया है, तथा शीघ्र मांग पूरी करने की मांग की है।