दिल्ली के मुख्य सचिव की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा-क्या आपके पास एक ही IAS है, आप क्यों एक व्यक्ति पर अटक गए है?
नई दिल्ली,एजेंसी, केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह दिल्ली सरकार के मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाना चाहती है। वहीं, दिल्ली सरकार ने कार्यकाल बढ़ाने का विरोध किया है। मुख्य सचिव 30 नवंबर को रिटायर (सेवानिवृत्त) होने वाले हैं। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव के पद के लिए केंद्र सरकार से पांच नाम मांगे थे, जिनमें एक नाम पर दिल्ली सरकार को फैसला लेना है, लेकिन केंद्र ने बताया कि वह मुख्य सचिव का सेवाविस्तार करना चाहती है। पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से दिल्ली के शीर्ष नौकरशाह के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को सशक्त बनाने वाले प्रावधान या नियम दिखाने को कहा।
सुनवाई के दौरान एसजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार मुख्य सचिव का कार्यकाल सिर्फ सीमित अवधि के लिए बढ़ाएगी, ना कि तीन या चार साल के लिए। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इन मुख्य सचिव और प्रशासन के बीच किसी किसी भी तरह के संचार, विश्वास और आस्था का पूर्ण उल्लंघन है।” उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा शीर्ष अदालत द्वारा सुझाए गए पांच वरिष्ठ नौकरशाहों का पैनल उपलब्ध नहीं कराया।
उन्होंने (दिल्ली सरकार के वकील) पूछा कि पूरे भारत में और आईएएस अधिकारियों में से आपके पास इस एक व्यक्ति के अलावा कोई नहीं है? क्या कोई और नहीं है? उन्होंने कहा कि अदालत पांच या दस आईएएस अधिकारियों के पैनल में से किसी भी वरिष्ठ नौकरशाह को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त कर सकती है। मुख्य सचिव के पद के लिए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर दिल्ली के अधिकारियों की नजर टिकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पद के लिए उपयुक्त पांच अधिकारियों का नाम का चयन कर लाने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव नरेश कुमार को सेवानिवृत्त होने दें। कोर्ट ने आगे कहा कि आप (केंद्र सरकार) धारा 45ए (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2023) के तहत नई नियुक्ति करें। इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार चाहे तो सेवानिवृत्त अधिकारी का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
कोर्ट ने एसजी से कहा कि हम आपसे (केंद्र) यह नहीं कह रहे हैं कि उन्हें (दिल्ली सरकार) कोई विकल्प दें। धारा 45ए का पालन करें। आप किसी को नियुक्त करें। एसजी मेहता ने जवाब दिया कि कानून के तहत एक ही व्यक्ति का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है और यह केंद्र की वैधानिक शक्ति है।
कोर्ट ने एसजी मेहता से पूछा कि क्या आपके पास सिर्फ एक ही आईएस है। वे (दिल्ली सरकार) कह रहे हैं कि केंद्र जिसे चाहें उसे नियुक्त करें, लेकिन नरेश कुमार को नहीं। आप एक ही व्यक्ति पर क्यों अटक गए हैं। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि बुधवार को आप हमें सेवा विस्तार की शक्तियों के बारे में दिखाएं। नहीं तो आप जिसे चाहें, नियुक्ति कर सकते हैं।