दुर्ग शहर के पास ठगड़ा बांध के किनारे सबसे बड़ी बायोडायवर्सिटी वाला एरिया तालपुरी नगरवन
रायपुर, छत्तीसगढ में दुर्ग और भिलाई के बीच किसी जंगल की कल्पना करना भी कठिन है, लेकिन यह कल्पना नहीं है। दुर्ग शहर से लगे ठगड़ा बांध के किनारे मुख्यमंत्री ने ऐसे ही एक जंगल का लोकार्पण किया है। 300 एकड़ में बने इस तालपुरी नगरवन में बायोडायवर्सिटी के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। यहां 103 तरह की वनस्पति और 295 तरह के पशु-पक्षी हैं। सबसे खास आकर्षण 108 एकड़ में फैला एक जलाशय है। मुख्यमंत्री ने आज ओपन जीप से 3 एकड़ में फैले इस रूट का अवलोकन किया और यहां की संपन्न जैव विविधता को नजदीक से देखा।
इसका ट्रैक काफी लंबा है और सुबह शाम सैर के लिए आने वाले लोगों के लिए यह जगह जन्नत जैसी महसूस होगी। इस जलाशय में प्रवासी पक्षी भी आते हैं। जलाशय के पास थोड़ा दलदली क्षेत्र होने की वजह से पक्षियों के रहवास के लिए यह आदर्श स्थल है। इसके अनुरूप ही यहां पर जैव विविधता के लिए अनेक वनस्पति लगाई गई है। बीते दो-तीन बरसों में यहां बड़े पैमाने पर प्लांटेशन का कार्य हुआ है। पहले भी यहां काफी पौधे थे और बाद में भी पौधे लगाये गये। लगभग सत्तर हजार पौधों का रोपण यहां किया गया है। इसका साइक्लिंग ट्रैक ही 3 किलोमीटर का है। बीच-बीच में बैठने के लिए बेंच लगाये गये हैं। पक्षियों की चह-चहाहट सुनते हुए मेडिटेशन करने के लिए यह जगह आदर्श होगी।
इंडियन रोलर, ग्रीन बी ईटर जैसे कई तरह के पक्षी- तालपुरी नगर वन में विभिन्न प्रकार के वृक्ष एवं जीव जन्तुओं की एक विशाल विविधता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के घास, पौधे, पक्षी, तितलियाँ, स्तनधारी, सरीसृप और जलीय प्रजातियों के समूह भी शामिल हैं। यहां विभिन्न प्रकार के वृक्ष प्रजातियां जैसे सागौन, आंवला, शीशु, करंज, आम, जाम, कटहल, बादाम, गुलमोहर, पेल्ट्राफार्म, रेन ट्री आदि के लगभग 70 हजार पौधों का रोपण किया गया है। वनस्पतियों की कुल 103 प्रजातियों और जीव जन्तुओं की 295 प्रजातियों की पहचान की गई, जिनमें दुर्ग जिले अंतर्गत कुछ दुर्लभ और नए जीवों की पहचान की गई है।
यहां पर कोयल, तोता, मैना, सारस, बतख, ग्रे हेडड स्वैम इंडियन रोलर, ग्रीन बी इटर, पर्पल हेरेन, एशियन ओपनबील, लेसर विसलिंग डक, इंडियन स्पॉट बिल डक, कॉम्बे डक कॉटन टेल, किंगफीशर कॉमन क्विल, ग्रे फेल्कन आदि क्षेत्रीय पक्षी एवं फैल्केटेड डक बार हेडेड गूस, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, गॉडविल, नॉर्दन पिनटेल, ग्रे हेडेड स्वामहेन आदि प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में तिलियों की भी कई प्रजातियां पाई जाती है।
मेमोरियल कार्नर तथा ओपन थियेटर भी- दुर्ग शहर के निवासियों के लिए यह मनोरंजन, स्वास्थ्य एवं प्राकृतिक सौंदर्ययुक्त एक मनोरम स्थल है। यहां योगा जोन एवं ओपन थिएटर का निर्माण किया गया है। यहां एक मेमोरियल कॉर्नर स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य लोगों को अपने प्रियजनों की याद में जन्मदिन तथा किसी अन्य अवसर पर वृक्षारोपण करने हेतु प्रोत्साहित करना है। लोगों को प्रकृति के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ने की इस पहल को स्थानीय लोगों द्वारा अत्यधिक पसंद किया जा रहा है। इस योजना से जुड़ते हुए अब तक 100 से अधिक लोगों ने इस स्थान पर 200 से अधिक पौधों का रोपण किया है तथा उनके द्वारा समय-समय पर अपने द्वारा लगाए गये पौधों की देखभाल भी की जाती है।