क्रेच खोलने वाला पहला स्वास्थ्य केंद्र बना भुवनेश्वर एम्स; महिला कर्मचारियों को होगी सहूलियत
भुवनेश्वर, अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही भुवनेश्वर एम्स ना सिर्फ ओडिशा, बल्कि पड़ोसी राज्य बंगाल, झारखंड के ज्यादातर मरीजों के लिए प्रमुख स्वास्थ्य केन्द्र बना हुआ है। यहां हर दिन प्रदेश के अलावा अन्य पड़ोसी राज्यों से भी काफी संख्या में मरीज आते हैं। हालांकि, सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे इन मरीजों की देखभाल में लगे कर्मचारी खासकर महिला कर्मचारी अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पा रहे थे और अस्पताल में रहने के बावजूद अपने बच्चों को लेकर परेशान रहते थे।
ऐसे में उनकी इस परेशानी को खत्म करने करने के लिए एम्स भुवनेश्वर में कर्मचारियों के बच्चों के लिए क्रेच का उद्घाटन किया गया है। ऐसा करने के साथ ही एम्स भुवनेश्वर इस तरह का मिसाल कायम करने वाला राज्य का पहला अस्पताल बन गया है। अब अपने बच्चों को घर पर छोड़कर आने वाले एम्स के डॉक्टर एवं कर्मचारियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा क्योंकि अब उनके बच्चे क्रेच में रहेंगे और कर्मचारी एवं डाक्टर तनाव मुक्त होकर मरीजों की सेवा कर सकते हैं।
तनाव मुक्त होकर मरीजों की देखभाल कर पाएंगे महिला कर्मी
क्रेच का उद्घाटन करते हुए एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर आशुतोष विश्वास ने कहा है कि यहां 45 प्रतिशत से अधिक महिला कर्मचारी हैं। अकेले महिला संकाय की हिस्सेदारी लगभग 33 प्रतिशत है। यहां काम करने वाले डॉक्टर हो या नर्स, हर कोई 100 प्रतिशत प्रयास से मरीजों की सेवा करता है। लेकिन जब वे अपने बच्चे को घर पर छोड़ आते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से मानसिक रूप से परेशान रहते हैं। इसलिए उन्हें तनाव मुक्त करने के लिए एम्स में क्रेच की व्यवस्था की गई है। फिलहाल छह माह से 10 वर्ष तक के 30 बच्चों के यहां रहने की व्यवस्था की गई है।
शिशु सुबह 7.30 बजे से 1.30 बजे तक और दोपहर 1 बजे से शाम 7.30 बजे तक क्रेच में रह सकते हैं। यहां बच्चों के लिए सभी प्रकार की मनोरंजक व्यवस्था के साथ कर्मचारी की व्यवस्था की गई है।