डेंगू के इलाज में 77 लाख मांग कर फंसे अस्पताल;कड़ी कार्रवाई की तैयारी
रायपुर, राजधानी में करीब डेढ़ माह तीन सौ से ज्यादा डेंगू मरीजों का इलाज करने का दावा करते हुए सरकार से 77 लाख क्लेम मांगने वाले 25 अस्पताल एलाइजा टेस्ट को लेकर फंस गए हैं। ज्यादातर अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस के जवाब में लिखकर दिया है कि उनसे क्लेम करने में गलती हो गई। उन्हें नहीं मालूम था कि एलाइजा टेस्ट के बिना डेंगू कंफर्म नहीं माना जाएगा। केंद्र सरकार की गाइड लाइन है कि जब तक एलाइजा टेस्ट में डेंगू कंफर्म नहीं होगा तब तक उसका सरकार से क्लेम नहीं मांगा जा सकता है।
इस जवाब के बाद अब सभी अस्पतालों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। कुछ अस्पताल ऐसे हैं जिनके पास मरीजों के इलाज की न तो फाइल है और नहीं उनका लाइन ऑफ ट्रीटमेंट डेंगू का था। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार ऐसे अस्पताल जिन्होंने केवल एक-दो डेंगू मरीजों का ही क्लेम किया है, उनके खिलाफ न्यूनतम जुर्माना किया जा सकता है। बाकी उन अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिनके कई केस हैं या जिनके पास मरीजों के इलाज का न तो ब्योरा है और न ही फाइल। मरीजों का नाम और पता भी पूरा नहीं है।
फिलहाल सभी अस्पतालों को दोबारा नोटिस जारी कर सभी मरीजों का ब्योरा और उन्हें दिए गए ट्रीटमेंट की हिस्ट्री मांगी जाएगी। उसके बाद ही जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा।जानकारों के अनुसार तकरीबन छह ऐसे अस्पताल हैं जो सबसे ज्यादा निशाने पर हैं। इनमें लालमती, ओम, श्री कल्याण मल्टी स्पेशलिटी, श्री कृष्ण व ममता अस्पताल हैं। हैरानी की बात है कि इन अस्पतालों ने जिस समय डेंगू के कई मरीजों के इलाज का क्लेम कर दिया था जब अंबेडकर अस्पताल और एम्स में भी इक्का-दुक्का मरीज पहुंचे थे।