मंडी समिति निधि से ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें बनेंगी चकाचक; बहेगी विकास की गंगा
रायपुर, कृषि उपज मंडी समिति निधि से अब मंडी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गंगा बहेगी। सड़कों के अलावा लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी। राज्य शासन ने पहली बार मंडी समिति निधि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए आदेश जारी किया है। इस संबंध में राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया है। इस संबंध में राज्य शासन ने जरुरी दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है।
राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मंडी समितियों के पास मंडी प्रांगण एवं मंडी क्षेत्र में विभिन्न तरह के निर्माण कार्य कराने के लिए मंडी समिति निधि एवं स्थाई निधि रहती है। मंडी समिति प्रत्येक वर्ष माह फरवरी में जब अपने अगले वर्ष के बजट का निर्माण करेगी तब वह यह अनुमान करेगी कि उक्त वित्तीय वर्ष में मंडी समिति को कितनी आय होने की संभावना है। संभावित आय में से स्थाई निधि, आरक्षित निधि, बोर्ड शुल्क, स्थापना व्यय, स्टेशनरी व्यय एवं अन्य आवश्यक व्यय घटाने के पश्चात् जो राशि शेष बचती है, उसे निर्माण कार्यों के लिए संभावित उपलब्ध राशि माना जाएगा। इसके बाद यह गणना की जाएगी कि पूर्व से स्वीकृत एवं निर्माणाधीन कार्यों पर अगले वर्ष के दौरान कितना व्यय सभावित है। मण्डी को निर्माण कार्यों के लिए उपलब्ध होने वाली कुल राशि में से उपरोक्तानुसार राशि घटाई जायेगी। इसके पश्चात् जितनी राशि शेष बचती है उतनी ही राशि निर्माण कार्यों के लिए उपलब्ध राशि होगी।
किसी भी स्थिति में अधिक राशि के कार्य प्रस्तावित न किया जाये । छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (निधि विनिधान रीति) नियम, 1975 के नियम 3 के उप-नियम (1) के अनुसार बचत मंडी समिति निधि के अधिशेष राशि को वर्ष की समाप्ति के तीन माह के अंदर स्थाई निधि में जमा की जायेगी। वार्षिक कार्य योजना के अतिरिक्त मंडी समिति में उपलब्ध मंडी समिति निधि स्थाई निधि से मंडी समिति द्वारा पृथक से भी निर्माण कार्य प्रस्तावित किये जा सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में ये करा सकेंगे कार्य
. ग्रामों में सड़क निर्माण एवं ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़े जाने हेतु पहुंच विहिन सड़कों का निर्माण।
. मुख्य मार्ग की ऐसी पुल-पुलिया का निर्माण, जिसकी अधिकतम लागत 20-25 लाख हो ।
ग्राम पंचायत में किसान भवन का निर्माण, (अधिकतम लागत 20 लाख तक )
ग्राम पंचायत में सामुदायिक भवन निर्माण (अधिकतम लागत 20 लाख तक ) ।
.धान उपार्जन केन्द्रों में सुविधाएं एवं अधोसंरचना निर्माण
. ग्राम पंचायतों में सांस्कृतिक मंच शेड का निर्माण (अधिकतम लागत 15 लाख तक ) ।
. ग्राम पंचायतों में व्यवसायिक परिसर दुकान निर्माण, (अधिकतम लागत 20 लाख तक ) ।
. ग्रामों में सीसी. रोड निर्माण की स्वीकृति (अधिकतम लागत 20 लाख तक)।
. उपरोक्त कार्य के अलावा अन्य कार्य माननीय अध्यक्ष, मंडी बोर्ड की अनुमति से किये जा सकेंगे।