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मामला 11 साल से लंबित; हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव पर ठोंका 20 हजार का जुर्माना

बिलासपुर,  तय समयसीमा में जवाब ना देने से नाराज छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव को 20 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। कोर्ट ने जुर्माने की राशि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लाइब्रेरी फंड में जमा करने का निर्देश दिया है। उक्त राशि सचिव को व्यक्तिगत रूप से जमा करनी होगी। सरकारी फंड से राशि जमा कराने के लिए कोर्ट ने मनाही कर दी है।

वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में शिक्षा विभाग के अधिकारी को पक्षकार बनाते हुए याचिका दायर की गई थी। दायर याचिका में कोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जरुरी जानकारी पेश करने का निर्देश दिया था। याचिका कोर्ट में बीते 11 साल से लंबित है। बीते महीने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। इसके लिए एक महीने की मोहलत दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से एक बार फिर जवाब पेश नहीं किया गया। जवाब पेश करने के बजाय एक बार फिर मोहलत मांगी गई। जवाब देने में बरती जा रही लापरवाही को लेेकर नाराज कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव पर 20 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। जुर्माने की राशि व्यक्गित रूप से जमा करने की हिदायत भी दी है।

बुधवार को सुबह 10.30 बजे होंगे हाजिर

कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 23 मार्च को सुबह 10.30 बजे कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इस दौरान याचिका में पूछी गई जानकारी भी पेश करनी होगी।

यह है मामला

वर्ष 2012 में याचिकाकर्ता ने प्रधान पाठक के पद पर समस्त लाभ के साथ नियुक्ति की मांग की थी। याचिका पर बीते 11 वर्षों से सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने बीते महीने सुनवाई के दौरान 20 मार्च तक याचिका से संबंधित जानकारी पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के निर्देश के बाद भी इस मामले में तय तिथि तक विभाग की ओर से किसी भी तरह की जानकारी पेश नहीं की गई है। सचिव स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सुनवाई के दौरान जिला शिक्षाधिकारी पेश हुए। नाराज कोर्ट ने सचिव को नोटिस जारी कर 23 मार्च को सुबह 10.30 बजे उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

एक अफसर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण

अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश राजनादगांव के तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी को दिया था। तय समयावधि में अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी ना करने पर याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के जरिए दूसरी मर्तबे हाई कोर्ट में न्यायालयीन आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिला शिक्षाधिकारी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण चलाने के संबंध में नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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