रोजगार मांगने पर राजधानी में बेरोजगार युवाओं को मिलीं पुलिस की लाठियां, हाथ-पैर में चोट के निशान लेक्र लौटे घर
रायपुर, छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को रोजगार मांगना महंगा पड़ा। रोजगार की जगह उन्हें लाठियां खानी पड़ीं। रविवार को छत्तीसगढ़ बेरोजगार संघ और छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ की ओर से बूढ़ातालाब स्थित धरनास्थल पर प्रदर्शन कर 50 प्रतिशत आरक्षण में विज्ञापन निकालकर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग की गई।
युवाओं ने कहा कि पिछले कई वर्षों से हम भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, पहले कोरोना के नाम पर भर्ती नहीं निकाली गई, अब आरक्षण का पेच फंस गया है। इसके कारण प्रदेश के हजारों युवाओं के सपनों में पानी फिर रहा है। प्रतिदिन हमें आर्थिक और सामाजिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। बेरोजागारी के कारण कई युवा अवसाद में जाकर आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं।
बूढ़ातालाब धरनास्थल पर किया था धरना-प्रदर्शन
ऐसी खबरें मीडिया के माध्यम से हमेशा पढ़ने, देखने और सुनने को मिलती हैं। प्रदर्शन के बाद बेरोजगार युवा मुख्यमंत्री निवास की तरफ बढ़ने लगे। बेरोजगारों को आगे बढ़ने से युवाओं को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड कर रोकने का प्रयास किया। इस दौरान बेरोजगारों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। ऐसी धक्का मुक्की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच आमतौर पर हमेशा होती रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन को बेरोजगारों की धक्का- मुक्की नागवार गुजरी।
पुलिस ने निहत्थे बेरोजगारों के ऊपर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं, जिससे कई युवाओं का सिर फट गया, खून से लथपथ हो गए। प्रदर्शन में लगभग 10 हजार बेरोजगार युवक-युवतियां पहुंच गए थे। युवाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस के जवानों ने उन्हें लगभग एक किलोमीटर की दूरी तक दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
बेरोजगार युवाओं ने सरकार से 10 सूत्री मांग की, जिसमें सबसे पहले 50 प्रतिशत आरक्षण के छह माह के अंदर पूर्व में हुई भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ति पत्र जारी करें। प्रदेश में खाली हजारों शिक्षकों के पदों पर भर्ती की जाए। पांच साल से लंबित पड़ी सब इंस्पेक्टर भर्ती को पूरा करें।
इंजीनियर, पटवारी, पशु चिकित्सक, रेवेन्यू इंस्पेक्टर, सहायक प्राध्यापक, होम गार्ड जैसे विभिन्न विभागों में खाली पदों पर छह महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करें। प्रदेश में बहुत सारी भर्ती परीक्षाएं हो चुकी हैं, आरक्षण के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही हैं, उन्हें पुराने आरक्षण के अनुसार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं जैसी मांग की।