सिकल सेल के बढ़ते रोगियों की रोकथाम के लिए संयुक्त शोध पर जोर
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में विश्व सिकल सेल दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर इस रोग की समय पर पहचान और रोकथाम पर जोर दिया गया। एम्स में प्रति सप्ताह औसतन 15 नए रोगी सिकल सेल रोग से पीड़ित पहुंच रहे हैं। अब तक 1200 रोगियों की पहचान कर उनका उपचार किया जा रहा है।
जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक आयुवर्ग में सिकल सेल एनीमिया के रोगी मिल रहे हैं। इसमें प्रमुख रूप से अत्याधिक कमजोरी, थकावट और सूजन के कारण रोगी की सामान्य जीवन शैली प्रभावित होती हैं। उन्होंने बताया कि एम्स में विभिन्न विभागों के समन्वय से सिकल सेल की रोकथाम के लिए विभिन्न शोध परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
डॉ. प्रीतम वासनिक ने बताया कि विशेष क्लिनिक के माध्यम से सामान्य चिकित्सा और बाल रोग विभाग में सिकल सेल रोगियों को उपचार प्रदान किया जा रहा है। अब तक सामान्य चिकित्सा में 700 और बाल रोग विभाग में 500 रोगी पंजीकृत हो चुके हैं। प्रति सप्ताह गुरुवार को आयोजित होने वाले विशेष क्लिनिक में औसतन 15 नए रोगी पहुंच रहे हैं।
इस अवसर पर चिकित्सकों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष पंफलेट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में अधिष्ठाता प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल, डॉ. संकल्प शर्मा, डॉ. तुषार जगझापे सहित सामान्य चिकित्सा, बायोकैमेस्ट्री, ब्लड बैंक और बाल रोग विभाग के चिकित्सक उपस्थित थे। इस अवसर पर आयोजित विशेष रक्तदान शिविर में 40 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।