कानून व्यवस्था

अतीक अहमद के खात्मे में के बाद यूपी पुलिस की नजर इन 61 माफियाओं पर, तैयार की लिस्ट

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में माफिया और बाहुबली नेता अतीक अहमद का खात्मा हो गया है। अतीक और उसके भाई की हत्या के मामले में पुलिस की जांच जारी है। इस बीच, 61 और माफियाओं की लिस्ट तैयार कर दी गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन अपराधियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

जानकारी के मुताबिक, यूपी प्रशासन ने 61 माफियाओं की सूची पहले ही तैयार कर ली है। साथ ही इनकी 500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की प्लानिंग भी हो चुकी है। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी की प्रतीक्षा है।

स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, यूपी पुलिस ने शराब माफिया, वन माफिया, अवैध बालू खनन, मवेशी तस्करी समेत अन्य पर नकेल कसने के लिए 61 अपराधियों की सूची तैयार की है।

अब ये माफिया यूपी पुलिस के निशाने पर

सुधाकर सिंह, प्रतापगढ़

गुड्डू सिंह, कुंदा

गब्बर सिंह, बहराइच

उत्तम सिंह, मेरठ

बदान सिंह

अजीत चौधरी अक्कू

धर्मेंद्र किरथल

अभिषेक सिंह हनी

निहाल पासी

राजन तिवारी

सुधीर कुमार सिंह

विनोद उपाध्याय

सपा और बसपा से जुड़े नेता भी शामिल

इस लिस्ट में सपा और बसपा से जुड़े माफिया भी शामिल हैं। ये हैं – रिजवान जहीर, दिलीप मिश्रा, अनुपम दुबे, हाजी इकबाल, बच्चू यादव, जुगनू वालिया और लल्लू यादव। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भरी विधानसभा में कह चुके हैं कि उनकी सरकार किसी माफिया को नहीं छोड़ेगी। इस सूची में मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, सलीम, सोहराब, रुस्तम, बबलू श्रीवास्तव, वलूमेश राय, कुंटू सिंह, सुभाष ठाकुर, संजीव माहेश्वरी जीवा और मुनीर के नाम भी शामिल हैं।

बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी की सुरक्षा बढ़ाई गई

पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सनसनीखेज हत्‍या पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। उत्‍तर प्रदेश की जेलों में बंद अन्‍य माफिया की सुरक्षा को लेकर चुनौती ऐसे में बढ़ गई है। इसी क्रम में बांदा जिले की जेल में बंद माफिया मुख्‍तार अंसानी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जेल के अंदर व बाहर सीसीटीवी से निगरानी तेज कर दी गई है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार जेल के बाहर पीएसी जवानों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी न होने पाए। जेल के बाहर पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए हैं, जो लगातार अपनी नजर हर गतिविधि पर बनाए हुए हैं।

सुरक्षाकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द

जेल के अंदर बनी चौकी को भी अलर्ट कर दिया गया है और जेल में तैनात प्रत्येक पुलिस जवान और अन्य सुरक्षाकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। सूत्रों ने बताया कि जिस दिन अतीक और अशरफ की हत्या हुई थी, उस दिन मुख्तार अंसारी को काफी बेचैनी हो गई थी। हालांकि, जेल अधीक्षक ने इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि वे सुरक्षा की दृष्टि से अलर्ट पर हैं। जेल में सुरक्षा व्यवस्था को मुस्तैद करते हुए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जेल में सुरक्षा के मद्देनजर तकरीबन 150 जवान तैनात हैं।

 दिग्विजय सिंह बोले, अतीक अहमद के किन नेताओं-अधिकारियों से संबंध, सीबीआइ करे जांच

 मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद के नेताओं, अफसरों और व्यवसायिक लोगों से संबंध की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि माफिया का मुखिया भले ही खत्म हो गया, पर माफिया बाकी है। पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या को लेकर उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस पर भी सवाल उठाए। साथ ही लवलेश तिवारी के मध्य प्रदेश से संबंध को लेकर कहा कि क्या गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा का बताएंगे क्या उनका उसको संरक्षण था। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या के मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए। सीबीआइ, ईडी और आईटी को इस बात की जांच करनी चाहिए कि उनके किन नेताओं, अधिकारियों और व्यवसायिक लोगों से संबंध थे। लवलेश तिवारी के बालाघाट से जुड़े होने के विषय को लेकर उन्होंने कहा कि गृहमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या उसको उनका संरक्षण था। विकास दुबे ने भी मध्य प्रदेश को ही क्यों चुना था, यह सवाल है।

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