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डॉ. रत्ना नशीने ने कहा-क्षयरोग का क्षय जरूरी; कृषि महाविद्यालय में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान कार्यशाला

नारायणपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविधलाय रायपुर  के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय नारायणपुर में प्रधामंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान कार्यशाला का आयोजन डॉ. रत्ना नशीने अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना’ की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महाविद्यालय के स्वयंसेवकों एवं छात्रों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की सम्पूर्ण जानकारी के साथ  टीबी के लक्षण ,प्रकार , कैसे फैलता है, इससे बचाव कैसे कर सकते हैं इत्यादि की जानकारी देना था ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डॉ. नशीने ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि “क्षय(रोग) का क्षय (नाश) करना हमारी नैतिक एवं सामाजिक जिम्मेदारी है” इसी क्रम में आगे कहा की ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक संक्रामक रोग है। यह रोग इंसान के फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। इसके अलावा टीबी का बैक्टीरिया किडनी और ब्रेन को भी संक्रमित कर सकता है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से यह होता है।

ट्यूबरक्लोसिस (टीबी रोग) के लक्षण के बारे में डा नशीने ने बताया कि 3 महीने से अधिक समय तक खांसी, थकान, तेज बुखार ,ठंड लगना, रात में पसीना आना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ ,भूख न लगना, ग्रंथियों में सूजन, पेट दर्द, हड्डी या जोड़ में दर्द आदि है । स्वच्छता से इसकी रोकथाम, स्वस्थ आदतों को पालकर, संतुलित एवं स्वास्थ्यवर्धक आहार को लेकर (टीबी) से बच सकते हैं। 

डॉ कृष्णा गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार से एकजुट होकर हमने आजादी प्राप्त की थी उसी प्रकार एक साथ मिलकर प्रयत्न करने से हम टीबी को भी हरा सकते हैं। डॉ कृष्णा गुप्ता ने अपने संबोधन में बताया कि युवा शक्ति असंभव को संभव करने की क्षमता रखती है, और अपनी क्षमता का विकास टीबी से होने वाले प्रभाव व उनके इलाज के बारे में लगाइए और इससे समाज को भी परिचित करवाइए और हमारे भारत को टीबी मुक्त करवाइए। 

किशोर मण्डल ने बताया कि विभिन्न सामग्रियों के उपयोग से जन साधारण से जुड़कर इसके ज्ञान को हम लोग प्रसारित करेंगे तो हम टीबी नामक शत्रु पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। विकास वर्मा ने स्वयं सेवकों से कहा कि आपमें सबसे ज़्यादा ऊर्जा है उस ऊर्जा का थोड़ा सा अंश अपने आस पड़ोस में रहने वालों को टीबी के बारे में बताने में खर्च कीजिए और इस राष्ट्रीय अभियान में अपना बहुमूल्य योगदान दीजिए। सूर्यकान्त चौबे, सुश्री निधी यादव, प्रशान्त बिझेकर द्वारा टीकाकरण और समुचित चिकित्सकीय सलाह को अंगीकृत करने की सलाह दी गई।

इस अवसर पर अधिष्ठाता ने स्वयं सेवकों के साथ परस्पर संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय में क्विज़, लेखन, पोस्टर निर्माण, अभिभाषण का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। कार्यक्रम में प्रीति संगीले, लकी, नरोत्तम, युगल, मुकेश, रश्मि बघेल, नुपुर, कौशल्या, अनुज, थबीरनाथ, सोनमणि, प्रीति सांगीले, अनिरुद्ध, उपेंद्र एवं अन्य प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के स्वयं सेवक उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन स्वयंसेवक कीर्ति साहू द्वारा किया गया।

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