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गंभीर तूफान में बदला चक्रवात Biparjoy; समुद्र में बढ़ने लगी हलचल, खतरे की जद में गुजरात के तटीय इलाके

नई दिल्ली, एजेंसी,  अरब सागर का चक्रवात बिपरजाय हफ्ते भर बाद अत्यंत गंभीर तूफान के रूप में बदल चुका है। अभी तक यह 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ चुका है। अभी पूर्व-मध्य अरब सागर में चक्रवात की स्थिति बनी हुई है। यह 15 जून की दोपहर तक सौराष्ट्र-कच्छ के पास तट से टकराएगा।

इन जिलों में गंभीर बनी रहेगी स्थिति

भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) का मानना है कि तट से टकराने के दौरान हवा की गति थोड़ी धीमी हो जाएगी, लेकिन फिर भी कम से कम 150 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार रह सकती है। समुद्र में अभी से हलचल बढ़ने लगी है। सबसे ज्यादा खतरा गुजरात के तटीय जिलों पर है। देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, कच्छ, जामनगर एवं जूनागढ़ के पास तीन से चार मीटर तक लहरें उठ सकती हैं।

पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता

महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र एवं राजस्थान के उत्तरी-पश्चिमी जिलों के लिए भी यह खतरनाक साबित होगा। तेज हवा के साथ बारिश की आशंका व्यक्त की गई है। चक्रवात की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि इससे निपटने की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक कर संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया। इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।

मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की दी गई सलाह

कैबिनेट सचिव ने भी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक कर अबतक की गई तैयारियों की समीक्षा की। इस बीच, तटवर्ती क्षेत्रों से निकासी शुरू कर दी गई है। समुद्र तट के पास के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेतक लगा दिए गए हैं। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

सेना को तैयार रहने के निर्देश

राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बलों (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ) के जवानों को तैयार रखा गया है। थल सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक बलों को तैयार रहने के लिए कह दिया गया है।

करीब 150 किमी प्रति घंटे से चलेंगी हवाएं

आइएमडी के अनुसार चक्रवात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है। जिस दिन यह चक्रवात सौराष्ट्र-कच्छ के पास टकराएगा उस दिन कई तरह के खतरों का संकेत है। लगभग 150 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलेगी। अत्यधिक मात्रा में वर्षा होगी। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी। इससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाएगा।

तटीय इलाकों में लगाई गई धारा 144

तट से टकराने के दौरान लहरों की ऊंचाई पोरबंदर में 2.6 मीटर होगी। कुछ स्थानों पर यह साढ़े तीन से चार मीटर तक की ऊंची भी हो सकती है। तेज हवा एवं अत्यधिक वर्षा से कच्ची दीवारें गिर सकती हैं। बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं। पावर और कम्यूनिकेशन के नुकसान की भी आशंका। रेलवे ट्रैक के भी नुकसान की आशंका व्यक्त की गई है। स्थानीय प्रशासन की ओर से तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं।

धीरे-धीरे उत्तर की ओर खिसक रहा

आइएमडी के अनुसार चक्रवात अभी प्रति घंटे सात किमी की गति के साथ उत्तर की ओर बढ़ रहा है। पोरबंदर से लगभग 300 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 310 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 400 किमी दक्षिण, नलिया से 400 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कराची (पाकिस्तान) से 520 किमी दक्षिण में स्थित था।

इन जगहों पर हुई हल्की बारिश 

अरब सागर में हवा की गति 175 किमी तक देखी गई है। जखाऊ बंदरगाह के पास जब टकराएगा तो गति 145 से 150 किमी तक रह सकती है। इस बीच, गुजरात के वलसाड, गिर सोमनाथ, भावनगर एवं अमरेली के कुछ हिस्सों में सोमवार को हल्की वर्षा हुई।

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