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देवशयनी एकादशी पर सो गए देव, अब पांच माह बाद बजेगी शहनाई; शुरू होंगे मांगलिक कार्य

वृंदावन, देवशयनी एकादशी पर गुरुवार को भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा में चले गए। देवशयनी एकादशी के बाद अब देवोत्थान एकादशी को भगवान जागेंगे। इस अवधि में व्रत, पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु के विश्राम के चलते चार माह तक किसी भी तरह के विवाह मुहूर्त और मांगलिक कार्य नहीं होंगे।

देवशयनी एकादशी पर वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा कर श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाकर मंदिरों के दर्शन किए। 29 जून देवशयनी एकादशी गुरुवार से चतुर्मास हुआ है, जो 23 नवंबर गुरुवार देवोत्थान एकादशी तक चलेगा। लेकिन, इस बार पुरुषोत्तम मास के रूप में मलमास श्रावण मास बढ़ रहा है। जो 17 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। इस बार पांच महीने तक चातुर्मास की साधना होगी। चतुर्मास के बारे में उल्लेख है संत, ऋषि, मुनि एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन बंद कर देते हैं। ध्यान, साधना, योग समाधि करते हैं।

मुड़िया पूर्णिमा मेला में श्रद्धालु भले ही गोवर्धन की परिक्रमा लगाएंगे, लेकिन मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। देवशयनी एकादशी पर जन्म स्थान और द्वारकाधीश मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन कर श्रद्धालु धन्य हो गए। यमुना घाटों पर भी पूजन और स्नान किया। सुबह से ही यमुना घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजा की। यमुना मैया की जय-जयकार होती रही। श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारकाधीश मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही।

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