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RAM MANDIR;राम मंदिर के पुजारियों के लिए 270 अभ्यर्थी चयनित, जाने-माने शास्त्रज्ञ और विद्वान लेंगे साक्षात्कार

अयोध्या,  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रस्तावित अर्चक प्रशिक्षण योजना के लिए अभ्यर्थियों को कड़े परीक्षण से गुजरना पड़ रहा है। प्रशिक्षण योजना के लिए तीन हजार ऑनलाइन आवेदन आए थे। इनमें से योग्यता के आधार पर 270 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया है। इनमें से गत दो दिनों के दौरान 132 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार अयोध्या के कारसेवकपुरम में लिया भी जा चुका है।

ये दिग्गज लेंगे साक्षात्कार

साक्षात्कार लेने वाले पैनल में जाने-माने शास्त्रज्ञ एवं हनुमत निवास के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण, न्याय-व्याकरण और रामानंद दर्शन के विद्वान जयकांत शर्मा तथा रामकुंज के महंत रामानंददास के शिष्य सत्यनारायणदास शामिल हैं। आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण के अनुसार साक्षात्कार में सफल 20 आवेदकों को छह माह तक आवासीय प्रशिक्षण के साथ दो हजार रुपये मासिक मानदेय भी दिया जाएगा।

प्रशिक्षण के बाद श्रेष्ठतम सिद्ध होने वाले को रामलला की पूजा का अवसर प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षित अर्चकों के लिए रामजन्मभूमि परिसर में निर्मित हो रहे कई अन्य उप मंदिरों में भी सेवा-पूजा का अवसर होगा। समझा जाता है कि ट्रस्ट की अर्चक प्रशिक्षण योजना नियमित रूप से चलती रहेगी और इस योजना के तहत न केवल रामजन्मभूमि परिसर के मंदिरों-उप मंदिरों के लिए पुजारी तैयार होंगे, बल्कि अन्य मंदिरों के लिए भी प्रशिक्षित एवं समुचित योग्य पुजारी सुलभ हो सकेंगे।

राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक आज से

राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है। बैठक में मंदिर निर्माण की समीक्षा के साथ 22 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की रूपरेखा भी तय की जाएगी। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र सोमवार देर शाम ही बैठक के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं।

अंतिम रूप देने के लिए दो-तीन माह से ही बैठकों का क्रम चल रहा है

प्राण प्रतिष्ठा समारोह अति विशद-व्यापक आयोजन के रूप में प्रस्तावित-संयोजित है और इसे अंतिम रूप देने के लिए दो-तीन माह से ही बैठकों का क्रम चल रहा है, किंतु मंगलवार से शुरू होने वाली बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। इन दिनों रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर के भूतल को अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है। फर्श और विद्युतीकरण के जैसे कार्यों के अतिरिक्त दर्शन मार्ग, यात्री सुविधा केंद्र एवं मंदिर के परकोटे का निर्माण अभी चल रहा है। सभी निर्माण दिसंबर तक पूर्ण करे जाने हैं। समझा जाता है कि जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी को लेकर दूसरे ढंग की व्यस्तता बढ़ जाएगी और निर्माण पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा सकेगा।

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