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BEER; भारत में बनती हैं 100 से ज्यादा तरह की बीयर, आपने कितनी का लुत्फ़ उठाया है?

अभी तो उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की आगोश में है, ऐसे में लोगों की बातचीत का विषय ज्यादातर गिरता तापमान, अलाव, रजाई, कंबल, स्वेटर, जैकेट और शॉल के इर्द गिर्द ही है. हालांकि, गोवा, बेंगलुरु, पुडुचेरी और दक्षिण भारत के राज्यों में बीयर पीने का मौसम हमेशा होता है. लेकिन जब गर्मियों की दोपहर हो, उस पर ठंडी बीयर की चुस्की. क्या इससे बढ़कर कोई सुख हो सकता है. जब चिलचिलाती गर्मी में किसी हाईवे पर जा रहे हों, ऐसे में कहीं पर आपको ‘चिल्ड बीयर’ का बोर्ड दिख जाए तो यूं लगता है कि जन्नत मिल गई हो. जरूरी नहीं है कि हर जगह इतना भी लिखा हो, कहीं कहीं तो केवल ‘अंग्रेजी’ के साथ तीर का निशान भी बना देते हैं तो शौकीन लोगों के कदम उधर ही मुड़ जाते हैं. बीयर’ पीने का आकर्षण ही कुछ ऐसा है.

बढ़ रहा है चलन
जाहिर है भारत में बीयर पीने का चलन बढ़ रहा है, और साथ ही बढ़ रही है बीयर की वैरायटी भी. आज भारत में 100 से ज्यादा तरह की बीयर बनाई जाती है. लेकिन क्या आप इन सभी बीयरों के बीच अंतर जानते हैं. बीयर को आमतौर पर इन श्रेणियों में बांटा जाता है- लागर, व्हीट, ऐल, आइपीए और स्टाउट आदि. लागर बीयर देश में सबसे ज्यादा पसंद की जाती है. इसका कारण ये भी है कि एक -डेढ़ दशक पहले तक, देश में सिर्फ लागर ही बना करती थी. पर धीरे-धीरे अन्य किस्म की बीयर बनने लगीं. माइक्रो ब्रूअरी के आने के बाद बीयर पीने वालों को दर्जनों नई स्टाइल की बीयर का पता चला और लोग लागर के अलावा अन्य किस्म की बीयर भी पसंद करने लगे. लोगों का रुझान देखकर बड़ी बीयर कंपनियों  जैसे यूनाइटेड ब्रुअरीज, एबी इन बेव, बीरा आदि ने अलग-अलग स्टाइल की बीयर बाजार में पेश दीं. 

कई तरह की वैरायटी
लागर बीयर हल्की और सुखद स्वाद वाली होती है, जबकि ऐल फ्रूटी फ्लेवर वाली और हल्का मीठापन लिए होती है.  स्टाउट डार्क रंग की होती है. इसमें अल्कोहल की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है. पोर्टर, यह भी एक प्रकार की ऐल बीयर है, जो स्टाउट से थोड़ी हल्की होती है. डबल लागर भी एक तरह की लागर बीयर है, जिसमें अल्कोहल की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है. इसमें एक और श्रेणी ट्रिपल लागर भी है, यह भी लागर बीयर है, जिसमें अल्कोहल का प्रतिशत काफी उच्च मात्रा में होता है. आईपीए बीयर का मतलब इंडिया पेल ऐल है. इसके अलावा. कुछ और भी वैरायटी है.

 कैसे किया जाता है अंतर
बीयर को कई अन्य कारकों के आधार पर भी बांटा जाता है, जैसे माल्ट बीयर. इसमें इस्तेमाल होने वाले माल्ट के प्रकार के आधार पर बीयर के स्वाद और रंग में अंतर आता है. इसी तरह एक होप बीयर भी है. इसमें इस्तेमाल होने वाले होप के प्रकार की वजह से बीयर के स्वाद और रंग तय होता है. बीयर के रंग और स्वाद के लिए फर्मेंटेशन भी एक बड़ी वजह है, जिससे इसमें अंतर आता है. इन सबके अपने-अपने स्वाद और विशेषताएं हैं. लेकिन क्या आप इनके बीच का अंतर जानते हैं? 

भारत में बनने वाली बीयर की कुछ लोकप्रिय श्रेणियां…
लागर: भारत में लागर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, इसमें किंगफिशर का नाम सबसे ऊपर आता है. अगर आप हल्की और सुपाच्य बीयर पसंद करते हैं तो लागर बियर आपके लिए ही है. यूथ एक और लोकप्रिय लागर बीयर है. यह किंगफिशर की तुलना में थोड़ी ज्यादा कड़वी होती है. किंगफिशर को भारत की नंबर एक बीयर होने का गौरव हासिल है.

वो बीयर जिसके चार घूंट ही काफी
स्नेक वेनम को दुनिया की सबसे स्ट्रांग बीयर का तमगा मिला हुआ है. स्नेक वेनम की एक बोतल में एक शराब की बोतल से ज्यादा अल्कोहल होता है. इसमें मौजूद अल्कोहल का प्रतिशत 67.5 है. किंगफिशर की लागर बीयर में 8 प्रतिशत अल्कोहल होता है. बीयर में अल्कोहल का प्रतिशत सामान्य तौर पर तीन से लेकर 30 प्रतिशत तक होता है. अल्कोहल की मात्रा बीयर की वैरायटी के अनुसार घटती-बढ़ती है.

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