RAIN; बाढ़ग्रस्त बस्तर में वायुसेना ने महिलाओं और बच्चों समेत छह ग्रामीणों को बचाया,43 शिविरों में 2,196 लोग सुरक्षित

जगदलपुर, बस्तर जिले में आई भीषण बाढ़ के बीच भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को एक साहसिक अभियान चलाकर छह ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। इनमें महिलाएँ और एक बच्चा भी शामिल था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की गति तेज करने के दिए निर्देश दिए है। अब तक 43 शिविरों में 2,196 लोग सुरक्षित ठहराए गए है।
दक्षिण छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण इंद्रावती नदी उफान पर है, जिससे मंदार गांव और आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। जलस्तर बढ़ने से कुछ ग्रामीण छतों पर फँस गए, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी थे। स्थिति गंभीर होने पर जिला प्रशासन ने वायुसेना से तत्काल मदद मांगी।

अनुकूल मौसम न होने के बावजूद, वायुसेना का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर जगदलपुर एयरफील्ड से रवाना किया गया। गहन हवाई तलाशी के बाद ग्रामीणों को छत पर फँसा पाया गया, जो तेज बहाव और ऊँचे पेड़ों से घिरे हुए थे। स्थल पर उतरना असंभव होने पर वायुसेना के गरुड़ कमांडो को नीचे उतारा गया, जिसने एक-एक कर सभी ग्रामीणों को सुरक्षित हेलीकॉप्टर तक पहुँचाया। करीब आधे घंटे तक चले इस अभियान में सभी छह ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता-साय
इधर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दक्षिण कोरिया से ही प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रभावित परिवार को असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी सक्रियता से कार्य करे ।
दंतेवाडा में 2 दिन में रिकार्ड 213 मि.मी. वर्षा
लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के चार जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 26 और 27 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा दंतेवाड़ा जिले में दर्ज की गई, जहाँ क्रमशः 93.7 मिमी और 118.4 मिमी बारिश हुई। सुकमा में 35 से 109.3 मिमी, बीजापुर में 34.9 से 50.2 मिमी तथा बस्तर में 67.3 से 121.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई जिससे 25 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ से अब तक 5 की मौत
राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि प्रभावित लोगों के लिए 4 जिलों में कुल 43 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा जिले से 1,116, सुकमा से 790, बीजापुर से 120 और बस्तर से 170 , इस प्रकार कुल 2,196 प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराया गया है। बाढ़ से अब तक 5 जनहानि, 17 पशुधन हानि, 165 मकानों को आंशिक और 86 मकानों को पूर्ण क्षति की सूचना मिली है।कार समेत एक परिवार बह गया।
नगर सेना एवं एसडीआरएफ तैनात
सभी जिलों में नगर सेना एवं एस.डी.आर.आफ के द्वारा राहत बचाव कार्य किया जा रहा है एवं राहत शिविर में ठहराये गये लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग जिलों से बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सतत संपर्क बनाये हुए है एवं आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिला सुकमा में आपदा मित्रों के द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु जिला प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।