27 करोड़ के यूनीपोल घोटाले में महापौर ढेबर ने 17 बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट
रायपुर, महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर नगर निगम में हुए 27 करोड़ के यूनीपोल घोटाले के मामले में अधिकारियों को आड़े हाथ लिया है। इस मामले की जांच के लिए गठित छह सदस्यीय टीम की सोमवार को हुई पहली बैठक में उन्होंने अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर 17 बिंदुओं पर जवाब मांगा है। उन्होंने रिपोर्ट आते ही बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
बता दें कि पिछले दिनों यूनिपोल घोटाला सामने आया था। आरोप है कि निगम के अधिकारियों ने महापौर को अंधेरे में रखते हुए विज्ञापन एजेंसियों से मिलीभगत कर जहां इच्छा हुई, वहां दैत्याकार यूनिपोल खड़े कर उस पर होर्डिंग तान दिए। इसके लिए बकायदा टेंडर निकाला, जिसकी भनक महापौर से लेकर किसी जनप्रतिनिधि, यहां तक कि कलेक्टर को भी नहीं लगने दी।यूनिपोल घोटाले को लेकर निगम की सियासत गरम है।
विपक्ष लगातार हमले कर रहा है। नगर निगम के अधिकारियों की इस कारगुजारी की पोल महापौर ढेबर ने खोलकर सार्वजनिक किया है। महापौर का कहना है कि उनकी जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर निकालने के साथ ही मनमाने तरीके से रेट दिए। यही नहीं, माता सुंदरी स्कूल के पास चौराहे का भी निर्माण करवा दिया। चौराहे का निर्माण किसने कराया, ठेकेदार कौन है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी गई। महापौर ने इस मामले में केस दर्ज कराने के साथ ही चौराहे को तोड़ने का आदेश दिया है।
निविदा में हुई गड़बड़ी
यूनिपोल घोटाला जांच समिति की बैठक में दो अपर आयुक्त, राजस्व अध्यक्ष श्रीकुमार मेनन, एमआइसी सदस्य ज्ञानेश शर्मा, सहदेव व्यवहार, अंजनी विभार सहित छह सदस्यीय टीम शामिल रही। बैठक में महापौर ढेबर ने यूनीपोल और स्मार्ट टायलेट की निविदा में हुई गड़बड़ी को लेकर 17 बिंदुओं पर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि महापौर ने पहले ही बताया था कि यूनीपोल और स्मार्ट टायलेट की निविदा में हुई गड़बड़ी से नगर निगम को करीब 27 करोड़ के राजस्व के नुकसान का अनुमान है।