PADDY; सोसायटियों के प्रतिदिन की धान खरीदी लिमिट व टोकन समस्या दूर करने ज्ञापन

रायपुर, सोसायटियों में धान बेचने किसानों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें से प्रमुख सोसायटियों के लिये निर्धारित प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट व टोकन की सुविधा व सीमा है । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय , मुख्य सचिव विकास शील व मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह को किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने मेल से ज्ञापन प्रेषित कर इन दिक्कतों से अवगत कराते हुये व्यापक किसान हित में इन दिक्कतों को तत्काल दूर कराने का आग्रह किया है ।
प्रेषित ज्ञापन में बतलाया गया है कि धान खरीदी शुरू हुये 24 दिन बीत चुका है पर सोसायटियों के लिये निर्धारित धान खरीदी की प्रतिदिन की लिमिट व तय टोकन की सीमा तथा दी गयी सुविधा किसानों के लिये परेशानी का सबब बन गया है । ज्ञापन के अनुसार धान खरीदी के शुरुआती 15 दिन सोसायटियों के कर्मियों के प्रदेशव्यापी हड़ताल की वजह से अफरातफरी के चलते वैसे ही बीत गये । इसके साथ ही बारिश की वजह से खेतों के गीले होने के चलते धान कटाई प्रभावित होने की वजह से निर्धारित प्रतिदिन खरीदी का लिमिट का धान भी सोसायटियों तक नहीं पहुंच पाया जिसकी पुष्टि विभागीय रिकार्ड से की जा सकती है । दिसंबर माह के शुरुआत से किसानों का धान सोसायटियों में पहुंचने तैयार है पर तय लिमिट प्रभावी खरीदी में आड़े आ रहा है । इस लिमिट की वजह से आन लाइन व आफ लाइन प्रभावी टोकन नहीं कट पाने से किसानों के परेशान होने व सोसायटियों में हमालो के भी खाली बैठे रहने से सोसायटियों को आर्थिक क्षति पहुंचने की जानकारी देते हुये स्मरण दिलाया गया है कि बीते वर्ष भी कालांतर में इस खरीदी लिमिट को बढ़ाया गया था । वर्तमान लिमिट में धान खरीदी किये जाने पर धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक किसानों का धान खरीदी न हो पाने की ओर आगाह करते हुये जाम धान का प्रभावी परिवहन कराने के साथ – साथ सोसायटियों के प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट की तत्काल समीक्षा कर युक्तियुक्त रुप से पुनरीक्षित कर अविलंब लागू कराने का आग्रह किया गया है ।
ज्ञापन में वर्तमान लिमिट का 70 प्रतिशत आन लाइन व 30 प्रतिशत आफ लाइन टोकन जारी किये जाने की व्यवस्था का उल्लेख करते हुये बतलाया गया है कि आन लाइन टोकन काटने मे में सीमांत , लघु व बड़े किसानों के बीच कोई विभाजन रेखा तय नहीं किया गया है जिसके चलते मुट्ठी भर किसानों के टोकन जारी होते ही यह लिमिट समाप्त हो जाता है वहीं 30 प्रतिशत आफ लाइन टोकन जारी करने समिति कर्मियों के अनुसार पहले सीमांत व लघु किसानों का ही टोकन जारी करने का ऊपरी मौखिक दबाव है जिसके चलते बड़े किसानों की बात तो दूर सीमांत व लघु किसानों को भी आफ लाइन टोकन जारी नहीं हो पा रहा है । इसके मद्देनजर 50 प्रतिशत आन लाइन व 50 प्रतिशत आफ लाइन टोकन सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है । ज्ञापन में बीते वर्ष 5 एकड़ से अधिक जोत वाले भूमिस्वामी किसानों को दिये गये 3 टोकन की सुविधा को अकारण ही 2 टोकन में सीमित करने को इन किसानों के लिये परेशानी का सबब ठहराते हुये पूर्ववत 3 टोकन की पात्रता देने का आग्रह किया गया है । किसान हित में इस संबंध में तत्काल निर्णय ले लागू कराने का अनुरोध किया गया है ।




