BUTTERFLY;छत्तीसगढ़ में है बड़ा तितली पार्क, जंगल सफारी में 24 अगस्त को तितलियों पर वॉक और टॉक
रायपुर, छत्तीसगढ में तितली की कई प्रजातियां पाई जाती है। बस्तर में 200 किलोमीटर के दायरे में फैले कांगेर वैली नेशनल पार्क में छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा तितली पार्क है। बहरहाल नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी में जैव विविधता संरक्षण सोसाइटी, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा, और पाथ आईएएस अकादमी के सहयोग से 24 अगस्त को तितलियों पर वॉक और टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम प्रकृति प्रेमियों, छात्रों, शोधकर्ताओं और जन मानस में तितलियों की सुंदरता और उनके पर्यावरणीय महत्व के साथ-साथ जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण में जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में सुबह 7 बजे से दोपहर 10.30 बजे तक विशेषज्ञों द्वारा तितलियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी जिसमें प्रतिभागियों को तितलियों की पहचान और उनके संरक्षण के व्यावहारिक अनुभव से रूबरू कराया जाएगा।
बस्तर में है तितली पार्क
बता देंं नवा रायपुर में तितली गार्डन निर्माण का प्रस्ताव वन विभाग के पास लंबे समय से लंबित है। छत्तीसगढ में तितली की कई प्रजातियां पाई जाती है। बस्तर में 200 किलोमीटर के दायरे में फैले कांगेर वैली नेशनल पार्क में छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा तितली पार्क है, जिसे तितली जोन कहा जाता है. रंग-बिरंगे और अनेक प्रजाति के तितलियां यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है. खास बात ये है कि 12 महीनों यहां अलग-अलग प्रजाति के रंग-बिरंगी तितलियों को देखा जा सकता है.कांगेर वैली नेशनल पार्क के डायरेक्टर गणवीर धम्मशील ने बताया कि तीरथगढ़ जाने वाले रास्ते से करीब 2 किलोमीटर की पगडंडी वाले रास्ते से निर्धारित चयन स्थान से तितली जोन तक पहुंचा जा सकता है.
40 प्रजातियों की पहचान
इसी तरह कोरबा जिले के जंगल में तितलियों की 100 से अधिक प्रजाति होने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक 40 प्रजातियों की पहचान की गई है। यहां पुटकापहाड़ जंगल में दुर्लभ प्रजाति की तितली कामन ओनिक्स, इंडिगो फ्लेस भी पायी जाती हैं। लेकिन उनके संरक्षण के लिए अभी तक कोई उपाय नहीं किए गए हैं। तितलियों को सबसे अधिक खतरा फूलों व फसलों में कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल होने से है। पुटका पहाड़ के साथ ही चैतुगढ़, लामपहाड़ क्षेत्र में भी अनेक प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं। पर्यावरण विद डॉ.दिनेश सिंह ने बताया कि तितलियों की जानकारी एकत्र की जा रही है। शहरी क्षेत्र में भी पहले जैसे तितली नजर नहीं आती। सीतनदी टाइगर रिजर्व में भी तितली की बहुतायत प्रजातियां पाई जाती है।