कला-साहित्य

CELEBRATION;150वीं वर्षगांठ पर वंदेमातरम गीत का एक साथ गायन

गीत

नारायणपुर, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र नारायणपुर में समारोह का आयोजन कर वंदेमातरम गीत का गायन किया। साथ ही वंदेमातरम के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य का महत्व समझाया गया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस अमर राष्ट्रगीत के इतिहास, महत्व और प्रेरणा को याद करते हुए देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना था।

वंदेमातरम गीत की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कल कृषि महाविद्यालय एव अनुसंधान केंद्र नारायणपुर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने द्वारा दीप प्रज्वलन और वंदेमातरम के सामूहिक गायन से हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित समाज सेविकाओं ने अपने संबोधन में कहा कि “वंदेमातरम केवल एक गीत नहीं है, यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक और हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। यह गीत हमें मातृभूमि के प्रति समर्पण की प्रेरणा देता है।”

कार्यक्रम में वक्ताओं ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित इस गीत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को वंदेमातरम के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य का महत्व समझाया गया।

कार्यक्रम के अंत में भी सभी उपस्थित लोगों ने एक साथ वंदेमातरम का गायन किया और राष्ट्र की उन्नति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। डॉ सत्येंद्र गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि “वंदेमातरम हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है। इस प्रकार के कार्यक्रम हमें अपनी जड़ों से जुड़ने और एकजुटता का संदेश देने का अवसर प्रदान करते हैं।” 

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