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BUSINESS; बिजनौर आ रहीं बेल्जियम की राजकुमारी, आलू से जिन,बोदका,व्हिस्की बनाने की तैयारी..

राजकुमारी

बिजनौर, उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले में बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रिड रविवार को पहुंच रहीं हैं. वह यहां हीमपुर दीपा क्षेत्र में 65 सदस्यीय डेलीगेशन के साथ आएंगी. यहां वह गंज चांदपुर रोड स्थित एग्रिस्टो मासा यूनिट के फ्रोजन पोटेटो फ्राइस प्लांट की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में वह भाग लेंगी. वह यहां करीब दो से तीन घंटे बिताएंगी. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीएम योगी को भी आमंत्रण भेजा गया है. राजकुमारी एस्ट्रिड बेल्जियम के सम्राट किंग फिलिप की छोटी बहन है.

राजकुमारी के बिजनौर आने की वजह क्या है

 दरअसल, बेल्जियम भारत में बिजनेस सीरीज चला रहा है. इस कड़ी में राजकुमारी बिजनौर में आलू प्रोसेसिंग कम्पनी ‘एग्रिस्टो’ मासा की नई यूनिटों के भूमि पूजन में शामिल होने आ रहीं हैं. ये यूनिटें 750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होंगी. ये यूनिटें विश्वस्तरीय होंगी. ये नई यूनिटें संचालित होने में करीब 3 से 4 वर्ष लग सकते हैं. बता दें कि वर्ष 2022 में महमूदपुर गंज में बेल्जियम की इस कंपनी ने पहली आलू प्रसंस्करण फैक्ट्री लगाई थी. यह कंपनी बेल्जियम की बड़ी पोटैटो प्रोसेसिंग कंपनी है. यह पोटेटो प्रोसेसिंग के जरिए कई तरह के उत्पाद तैयार कर विश्व में बेचती है.

दो हेलीकॉप्टर से आएगा दल

 बेल्जियम की राजकुमारी उपप्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और कृषि मंत्री समेत कई प्रतिनिधियों के साथ दो हेलीकॉप्टर से कल कंपनी की यूनिट में पहुंचेंगी. इसके लिए वहां दो हेलीपैड भी बनाए गए हैं. उनके आगमन के मद्देनजर जिले के पुलिस अफसर और प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा इंतजामों में जुटे हुए हैं. उनके आगमन की सभी तैय़ारियां तेजी से पूरी की जा रहीं हैं.

फैक्ट्री क्या-क्या बनाती है

 बता दें कि बेल्जियम की यह कंपनी आलू व सब्जी की प्रोसेसिंग करती है. कंपनी की आलू से जिन, व्हिस्की, वोदका की मैन्युफैक्चरिंग करने की योजना है. अभी यह कंपनी आलू से फ्रेंच फ्राई, मैश पोटैटो, पाउडर, चिप्स बनाती है. ये उत्पाद फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी और इटली को सप्लाई किए जाते हैं.

किसानों को खेती के लिए बढ़ावा दे रही कंपनी

 बता दें कि बिजनौर और इसके आसपास के जनपद जैसे मुरादाबाद, हापुड़ आदि जिले अभी गन्ने की खेती के लिए जाने जाते हैं. इस कंपनी की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होने के बाद किसानों को आलू की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. कंपनी किसानों को गन्ने के बजाए ज्यादा से ज्यादा आलू उगाने के लिए प्रेरित कर रही है. इसके लिए बॉय बैक, पेस्टीसाइड, बीज और खाद आदि कंपनी की ओर से किसानों को दिया जा रहा है. फसल तैयार होते ही कंपनी की ओर से नकद भुगतान भी किया जा रहा है. किसानों की मानें तो एक बीघा में करीब 20 क्विंटल आलू की पैदावार हो रही है. कंपनी आलू को हाथों-हाथ ले रही है. इससे किसानों को अच्छी-खासी आमदनी हो रही है.

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