LIQUOR SCAM;पूर्व मंत्री लखमा एवं 12 शराब निर्माता समेत आरोपियों की संख्या 21 तक पहुंची,नकली होलोग्राम भी बना डाले
शराब

* 2161 करोड़ रुपये के घोटाले में ईडी ने कोर्ट में पेश किया 3841 पन्नों का आरोपपत्र, पूर्व आबकारी मंत्री लखमा दादी को हर महीने दो करोड़ रुपये कमीशन दिए जाने का दावा
रायपुर, प्रदेश के शराब घोटाले में ईडी ने 12 शराब निर्माता (डिस्टलरी) कंपनी के संचालकों को भी आरोपित बनाया है। 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में अब कुल 21 नामजद आरोपी हो गए हैं। बुधवार को इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री व कांग्रेस नेता कवासी लखमा के खिलाफ 3,841 पन्नों का आरोप पत्र ईडी की विशेष कोर्ट में पेश किया।
कवासी पिछले दो माह से रायपुर जेल में बंद हैं। रायपुर जेल में बंद होटल कारोबारी अनवर ढेबर के आवेदन पर कोर्ट ने डिस्टलरियों को आरोपित बनाया है। आरोप पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ डिस्टलरी को 48, भाटिया वाइन मर्चेंट को 28 और वेलकम डिस्टलरी को 24% दुकानों में शराब आपूर्ति का काम दिया गया था।
आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हर महीने दो करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर दिए जाते थे। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तीन साल तक यह सिलसिला चला। 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपये का है।
आरोपियों की सूची
कंपनी भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज, वेलकम डिस्टलरीज, मेसर्स नेक्स्ट जेन, दिशिता उद्यम,ओम सांई वेबरेज, सिद्धार्थ सिंघानिया कारोबारी, मेसर्स टाप सिक्यूरिटी के मालिकों के साथ नवीन केडिया, भूपेंद्र सिंह भाटिया कारोबारी, राजेंद्र जायसवाल, कारोबारी, आईएएस निरंजनदास, रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा, आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा पूर्व मंत्री,अनवर ढेबर, कारोबारी, अरविंद सिंह कारोबारी, विजय भाटिया, कारोबारी।
कांग्रेस भवन के साथ घर भी बनाया
इन पैसों से सुकमा में कवासी के बेटे हरीश लखमा ने घर और कोंटा में कांग्रेस भवन का निर्माण कराया है। इस मामले में पहले से जेल में बंद अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के पास हर महीने कमीशन पहुंचता था। अरविंद सिंह ने बताया है कि शराब कर्टल से हर महीने लखमा को 50 लाख रुपये दिए जाते थे। यही नहीं 50 लाख रुपये के ऊपर भी 1.5 करोड़ रुपये और दिया जाता था। इस हिसाब से दो करोड़ रुपये पूर्व आबकारी मंत्री को हर महीने कमीशन के तौर पर मिलते थे।
शराब निर्माता कंपनी ने 1200 करोड़ कमाए
प्रदेश में हुए शराब घोटाले मामले में ईडी ने अपनी चार्टशीट में बताया था कि घोटाले में 1,200 करोड़ रुपये की राशि शराब निर्माता कंपनियों ने कमाए हैं।
आबकारी अधिकारी भेजते थे पैसे
आबकारी विभाग के अधिकारी इकबाल खान और जयंत देवांगन पैसों की व्यवस्था करके कवासी तक भिजवाते थे। कन्हैया लाल कुर्रे के माध्यम से पैसों के बैग जमा किए जाते थे। यहां तक कि कवासी ने स्वयं अपने बयान में यह स्वीकार किया है कि अरुणपति त्रिपाठी उनसे कागजातों पर हस्ताक्षर करवाता था। ऐसे में उन्हें जानकारी थी कि विभाग में बड़ा खेल चल रहा है, इसलिए इस मामले में इनकी संलिप्तता साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
शराब से लेकर होलोग्राफ तक बना डाले नकली
शराब घोटाले में शराब निर्माता कंपनियों में नकली शराब बनाने से लेकर, फर्जी होलोग्राम लगाने का काम किया जाता था। वहीं, प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ की डिस्टिलरियों को नकली होलोग्राम उपलब्ध कराए थे। इन होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इससे लगभाग 1,200 करोड़ रुपये कमाए हैं।