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NAXALITE; नक्सलियों को IG की आखिरी चेतावनी, आत्मसमर्पण करो वरना..बसव राजू से भी भयावह अंत होगा

चेतावनी

जगदलपुर. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पी ने नक्सलियों को कड़ा संदेश देते हुए उन्हें ‘आत्मसमर्पण करो वरना मौत तय है’ की खुली चेतावनी दी है. मीडिया से बातचीत करते हुए आईजी ने स्पष्ट कहा कि बसवा राजू की मौत के बाद नक्सली संगठन पूरी तरह बिखर चुका है, और अब उनके पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

आईजी सुंदरराज की ये चेतावनी गणपति, देवजी, सोनू, हिड़मा, सुजाता, के. रामचंद्र रेड्डी, बारसे देवा जैसे बचे हुए शीर्ष नक्सली नेताओं के लिए अंतिम चेतावनी मानी जा रही है. आईजी के अनुसार, बसवा राजू की मौत ने संगठन की कमर तोड़ दी है और अब उनके पास न तो रणनीति बची है, न ही जमीन पर ठोस नेतृत्व. इस स्थिति में बचे हुए नक्सली नेता अब सिर्फ जान बचाने की जुगत में लगे हैं.

सुंदरराज ने कहा कि यदि ये नेता अब भी हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते, तो उनका अंत बसवा राजू से भी भयावह होगा. उन्होंने बताया कि बस्तर पुलिस के पास इन सभी नेताओं के ठिकानों की पुख्ता जानकारी है और किसी भी समय निर्णायक कार्रवाई की जा सकती है.सुंदरराज ने कहा कि छोटे और बड़े कई नक्‍सली हमारे संपर्क में हैं और वे अपनी जिंदगी बचाना चाहते हैं. ये नक्‍सली सरकार की योजना का लाभ लेने को तैयार हैं. इन सभी का जल्‍द ही आत्‍मसमर्पण होगा और इन सभी को सरकारी की योजना का लाभ मिलेगा.उन्‍होंने कहा कि जो हथियार नहीं छोड़ेगा, वह किसी भी कीमत पर बच नहीं पाएगा.

बसव राजू की मौत बना टर्निंग पॉइंट
गौरतलब है कि बसव राजू नक्सल संगठन का एक कद्दावर नेता था, जो लंबे समय से छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा के जंगलों में सक्रिय था. वह सेंट्रल कमेटी का सदस्य और मिलिट्री विंग का शीर्ष कमांडर था. कई वर्षों तक वह पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बना रहा. लेकिन हाल ही में बस्तर में एक मुठभेड़ के दौरान बसवा राजू मारा गया, जो नक्सलियों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ.

संगठन टूटने के कगार पर
बसव राजू की मौत के बाद से ही नक्सल संगठन में अंदरूनी मतभेद, अविश्वास और असमंजस की स्थिति बनी हुई है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त रणनीतियों ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है. लगातार हो रही सर्च ऑपरेशन, घेराबंदी और स्थानीय लोगों का सहयोग अब नक्सलियों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है. आईजी ने दो टूक कहा कि “अब समय है कि हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करें, क्योंकि अगला कदम उन्हें सीधे मौत की ओर ले जाएगा.” उनके इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि बस्तर में नक्सलियों के लिए अब कोई सुरक्षित कोना नहीं बचा है.

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