कानून व्यवस्था

ACB; तबादला रोकने 2 लाख रु. रिश्वत लेते शिक्षक रंगे हाथ गिरफ्तार, पटवारी भी पकडाया

गिरफ्तार

बिलासपुर, कोरबा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम के तहत आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एसीबी) को एक बड़ी सफलता मिली है। एसीबी बिलासपुर इकाई ने बुधवार 17 जुलाई को एक शिक्षक को ट्रांसफर के बदले 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी शिक्षक का नाम विनोद कुमार सांडे है, जो कि शासकीय माध्यमिक शाला बेला (जिला कोरबा) में पदस्थ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 9 जुलाई को प्राथमिक शाला केसला, कोरबा में पदस्थ प्रधान पाठक रामायण पटेल ने एसीबी को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि उसकी पत्नी भी उसी विद्यालय में शिक्षिका के पद पर पदस्थ है। आरोपी विनोद कुमार ने खुद को डीईओ और बीईओ से नजदीकी संपर्क में बताते हुए कहा कि उनकी पत्नी का स्थानांतरण दूरस्थ विद्यालय में किया जा सकता है, लेकिन यदि 2 लाख रुपये की रिश्वत दी जाए तो वह ट्रांसफर को ओमपुर जैसे नजदीकी स्कूल में करवा सकता है।

शिकायत का एसीबी द्वारा सत्यापन कराया गया, जो सही पाई गई। इसके बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई। योजना के तहत 17 जुलाई को प्रार्थी के कोरबा स्थित निवास स्थान पर आरोपी विनोद कुमार सांडे को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी ने आरोपी शिक्षक से रिश्वत की रकम बरामद कर ली है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।

जमीन रिकार्ड दुरुस्त करने ले रहा था रिश्वत

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गुरूवार को घुसखोर पटवारी को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जमीन रिकार्ड दुरस्त करने के नाम पर पटवारी ने जमीन मालिकसे 20 हजार रुपए की घूस मांगी थी। जिस पर एसीबी ने जाल बिछाकर पटवारी को जांजगीर स्थित पटवारी कार्यालय में ही रंगे हाथों दबोचा।

एसीबी के मुताबिक, पुराना चंदनिया पारा जांजगीर निवासी सत्येन्द्र कुमार राठौर और उसके पारिवारिक सदस्यों के नाम पर ग्राम पुटपुरा में करीब 4.2 एकड़ जमीन है। जिसमें उसके बुआ लोगों का भी नाम शामिल था किन्तु बुआ लोगों के द्वारा हकछोड़ रजिस्ट्री कराते हुए अपने हिस्से की जमीन को हक त्याग कर दिया था। जिसके बाद रिकार्ड दुरूस्तीकरण कराने के लिए सत्येन्द्र ने हकछोड़ रजिस्ट्री के दस्तावेज पटवारी को दे दिए किन्तु इसके बावजूद बी-वन और पंचशाला में रिश्तेदारों का नाम नहीं हटा तो सत्येन्द्र पुटपुरा पटवारी बालमुकुंद राठौर के पास पहुंचा तो उसने रिकार्ड में सुधार करने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इस पर सत्येन्द्र ने इसकी शिकायत एसीबी बिलासपुर में जाकर की।

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