STRIKE; कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की बेमुद्दत हडताल शुरु, तहसील दफ्तरों में काम-काज ठप

0 आप का समर्थन-गास मेमोरियल मैदान धरना स्थल बने-विजय झा
रायपुर, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के तत्वाWAधान में विगत तीन दिनों से जारी निश्चितकालीन तीन दिवसीय आंदोलन 28 जुलाई से 30 जुलाई तक प्रदेश अध्यक्ष केके. लहरे के नेतृत्व में जारी रहा। सरकार के उदासीन रवैया के कारण कल 31 जुलाई से आंदोलन को अनिश्चितकालीन में बदल दिया गया है। आंदोलनकारी तहसीलदार नायब तहसीलदारों के आंदोलन का आम आदमी पार्टी ने समर्थन किया है।
17 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी आंदोलन का नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में कर्मचारी नेता एवं आम आदमी पार्टी कर्मचारी विंग के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं लोकसभा उपाध्यक्ष इमरान खान ने समर्थन कर सभा को संबोधित किया। श्री झा ने कहा है कि सीधी भर्ती से 50% एवं तहसीलदार से पदोन्नति में 50% भरे जाने वाले डिप्टी कलेक्टर के पदों को 60-40 किए जाने, ग्रेट पे कम होने से प्रशासनिक कार्य करने में असम्मान जनक स्थिति निर्मित होने, कंप्यूटर, लिपिक,वाहन, प्रोसेस राइटर, तामिली के लिए भृत्य आदि की सुविधा न मिलने सहित 17 सूत्रीय मांग न्यायोचित है।
श्री झा ने अपने तरफ से एक मांग और जोड़ा कि दोनों पार्टियों की सरकारों ने तूता धरना स्थल को दूर भेजने की निंदा की थी। अब सत्ता में आने के बाद उसे रायपुर काली मंदिर के सामने गांस मेमोरियल मैदान में धरना स्थल घोषित करने की मांग को शामिल किया है। आंदोलनकारी ने सुविधा नहीं तो काम नहीं का नारा बुलंद किया है। अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ होने पर शासन की ओर से सचिव राजस्व विभाग ने चर्चा हेतु आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। कल देर शाम तक चर्चा जारी थी।
तहसीलदारोंकी हड़ताल से आम जनता हलाकान – भगवानू
राज्य में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों द्वारा जारी हड़ताल के कारण आम जनता को रही परेशानियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता भगवानू नायक ने मुख्यमंत्री से अपील किया है वे इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए तहसील अधिकारियों के हित और जनहित में निर्णय ले, तहसीलदारों की हड़ताल को समाप्त करने के लिए सहानुभूति पूर्वक विचार करें या फिर जनहित में वैकल्पिक व्यवस्था करें। उन्होंने कहा तहसीलदारों की हड़ताल के कारण छात्र छात्राओं, किसानों और आम नागरिकों के मूलभूत एवं अतिआवश्यक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस हड़ताल के चलते आय, जाति, मूलनिवास प्रमाण पत्र, भूमि सम्बन्धी सीमांकन, नामांतरण, बँटवारा तथा अन्य अभिलेखीय कार्य पूर्णतः ठप्प हो गए हैं। अधिवक्ता भगवानू नायक ने इस समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए हस्तक्षेप की माँग की है।